नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI में 1 मई यानी आज से कुछ नियम बदल गए हैं. दरअसल अगर आपका भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में खाता है तो इस बदलाव का असर आप पर भी पड़ने वाला है. बदले हुए नियम से ग्राहकों को फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होने वाला है.
अब SBI देश का पहला ऐसा बैंक बन गया है जिसने अपने लोन और डिपॉजिट रेट को सीधे RBI के रेपो रेट से जोड़ दिया है. बैंक के इस कदम से SBI ग्राहकों को सस्ता लोन मिल सकेगा. लेकिन साथ ही अब SBI के सेविंग्स अकाउंट्स पर ग्राहकों को पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलेगा.
आज से SBI के बदले ये 2 नियम, एक आपके लिए फायदेमंद तो दूसरा झटका
साफ शब्दों में कहें तो आज से SBI ग्राहकों को अपने सेविंग्स अकाउंट्स पर कम ब्याज मिलेगा. देश में करोड़ों ग्राहकों के SBI में सेविंग्स अकाउंट्स हैं और वो बैंक के इस फैसले से प्रभावति होंगे.
आज से SBI के बदले ये 2 नियम, एक आपके लिए फायदेमंद तो दूसरा झटका
रेपो रेट से ब्याज दर होगा तय
दरअसल 31 अप्रैल 2019 तक बैंक मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड बेस लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर लोन का ब्याज दर तय करता था. जिससे कई बार ऐसा होता था कि रेपो रेट में कटौती के बावजूद भी बैंक MCLR में कोई राहत नहीं देता था. लेकिन अब नए नियम से ग्राहकों को सीधा फायदा पहुंचने वाला है.
आज से SBI के बदले ये 2 नियम, एक आपके लिए फायदेमंद तो दूसरा झटका
क्या होगा फायदा
भारतीय स्टेट बैंक आज से ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ दिया है. यानी RBI जब भी रेपो रेट में बदलाव करेगा तो उसका असर सीधा अकाउंट धारक पर भी होगा. यही नहीं, 1 मई से SBI से 30 लाख रुपये तक के लोन पर 0.10 फीसदी कम ब्याज देना पड़ेगा. फिलहाल 30 लाख रुपये तक के लोन की ब्याज दर 8.60 से 8.90 फीसदी है. SBI ने अपनी MCLR भी 0.05 फीसदी कम कर दिया है.
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क्या है नुकसान
एक ओर लोन सस्ता मिलेगा, तो वहीं दूसरी ओर SBI के बचत खाते पर ग्राहकों को अब कम ब्याज मिला करेगा. यानी यहां ग्राहकों को झटका लगने वाला है. नियम के मुताबिक 1 मई से एक लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर बचत खाते में 3.50 फीसदी ब्याज मिलेगा. लेकिन अमाउंट 1 लाख रुपये से ज्यादा होने पर यानी एक लाख रुपये से ज्यादा डिपॉजिट करने पर ब्याज दर अब 3.25 फीसदी रहेगा.
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