
नई दिल्ली : ओडिशा में तूफान फेनी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 11 जिलों में चुनावी आचार संहिता को हटाने की मंजूरी दे दी है जिससे राहत एवं बचाव कार्यक्रम तेजी से किया जा सके। एक चुनाव अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंगलवार को जारी आदेश में राकेश कुमार ने कहा कि इससे पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, गजपति, गंजम, खोरधा, कटक और जाजपुर में ऐहतियाती कदम उठाने में तेजी आएगी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आग्रह पर चुनाव आयोग ने मंगलवार शाम यह निर्णय लिया।
पटनायक चुनाव आयोग से तटीय जिलों से आदर्श आचार संहिता हटाने का आग्रह करने के लिए मंगलवार को दिल्ली में थे जिससे वहां तूफान फेनी के आने से पहले ही आपदा प्रबंधन कार्यवाही की जा सके। तूफान फेनी के ओडिशा तट पर शुक्रवार तक आने की संभावना है। पटनायक ने पटकुरा विधानसभा चुनाव की तिथि 19 मई से आगे बढ़ाने का भी आग्रह किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर उन्होंने वहां चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का आग्रह किया जिससे कि सभी लोग मिल-जुलकर काम कर सकें और प्रशासन लोगों की जान-माल को बचाने पर ध्यान दे पाए।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ के मद्देनजर निवारक व राहत उपाय अपनाने के लिए चार राज्यों को 1086 करोड़ रुपये की अग्रिम वित्तीय सहायता जारी की है। गृह मंत्रालय के बयान से यह जानकारी मिली। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) के निर्णय के आधार पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से सहायता प्राप्त करेंगे। चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ के दक्षिणपूर्व और इससे सटे दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की वजह से चार तटीय राज्यों को हाईअलर्ट पर रखा गया है। कुल 1086 करोड़ रुपये में से, आंध्रप्रदेश को 200.25 करोड़, ओडिशा को 340.875 करोड़, तमिलनाडु को 309.375 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 235.50 करोड़ रुपये मिलेंगे।
‘बेहद तीव्र’ हो सकता है तूफान ‘फेनी’ : आईएमडी
चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ के मंगलवार मध्यरात्रि तक ‘बेहद तीव्र’ होने की आशंका है, जिससे आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में गुरुवार तक भारी वषार् होगी। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार शाम इस बारे में आगाह किया। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात से घरों, संचार और बिजली नेटवर्क और रेल व सड़क अवसंरचना को नुकसान होने की संभावना है। साथ ही खड़ी फसलों, बागवानी और नारियल व ताड़ के पेड़ों को भी काफी नुकसान होगा। इसके अलावा जहाजों और बड़ी नौकाओं के लंगर टूटने की संभावना है।
आईएमडी ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है। आधिकारिक बयान के अनुसार, कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को फिर से राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की, और प्रभावित राज्यों में तैयारियों की समीक्षा की। सिन्हा ने निर्देश दिया कि जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए और भोजन, पीने के पानी और दवाओं समेत सभी तरह की आवश्यक आपूर्ति को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं।
बयान में कहा गया है, “उन्होंने सभी संबंधित पक्षों को सलाह दी कि वे नुकसान की स्थिति में बिजली और दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए पयार्प्त तैयारी करें।” भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने राहत और बचाव कायोर्ं के लिए जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है, जबकि इन राज्यों में सेना और वायुसेना की इकाइयों को भी तैयार रखा गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कुल 41 टीमें तैनात की हैं, जिसमें आंध्र प्रदेश में आठ, ओडिशा में 28 और पश्चिम बंगाल में पांच टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, एनडीआरएफ ने पश्चिम बंगाल में 13 और आंध्र प्रदेश में 10 टीमों को तैनात किया है। ‘फेनी’ फिलहाल दक्षिण-पश्चिम में और बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण-पश्चिम में है। मंगलवार शाम से लगभग 21 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
