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देश और बीजेपी को मिला एक और मोदी

नई दिल्ली : उड़ीसा के बालासोर संसदीय सीट से निर्वाचित बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को मिला मंत्री पद की जिम्मेदारी।

नवनिर्वाचित सांसद के बारे में पहले हमने सिर्फ सुना था। परंतु आज जब हमारा आमना-सामना हुआ तो हमें आश्चर्य जनक बातें उनके जीवन के बारे में पता चला। 64 वर्षीय साांसद सारंगी का जन्म उड़ीसा के नीलगिरी विधानसभा स्थित गोपिनाथपुर गांव में एक गरीब परिवार में 4 जनवरी 1955 को हुआ था। दिखने में तो बिल्कुल साधारण और सन्यासी की वेश भूषा में ही रहते हैं। परंतु वह असाधरण व्यक्तित्व लिए हुए हैं। सारंगी जी आजीवन कुंवारे ही रहे। जब हमने उनसे बात की तो पता चला कि उनकी इच्छा सन्यासी बनने की थी, पीएम नरेन्द्र मोदी की तरह प्रताप चंद्र सारंगी भी कम उम्र में ही सन्यासी बनने की इच्छा लिए रामकृष्ण मठ पहुंच गए थे, परंतु वाह से उन्हें घर में रह कर माँ की सेवा करने को कहे, जहा से वे लौट आये।

अपने मां के प्रति पुत्र धर्म और कर्तव्य के कारण सन्यासी तो नहीं बन पाए।
आजीवन कुंवारे रह कर मां की सेवा करते रहे।

आज देश में एक तरफ जहां पैसे के दम पर राजनीति करने की कोशिश रहती है। तो वहीं दूसरी तरफ सारंगी जैसे मातृ भक्त और देश भक्त लोग सिर्फ अपने, सेवा के दम पर इस लोकतांत्रिक देश में संसद पहुंचकर मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण कर अब भारत माता की सेवा करने के लिए जुट गए।

सरलता और साधारणता कि बात करें तो यह देश में एक मिसाल के तौर पर स्थापित है। जहां एक ओर सांसद लंबी गाड़ी और लश्कर के साथ चलते हैं। और महंगे बंगलों में रहते हैं वही प्रताप चंद्र सारंगी इन सब चीजों से कोसों दूर है। प्रताप चंद्र सारंगी उड़ीसा के नीलगिरी विधानसभा से बीजेपी की टिकट पर 2004 और 2009 में विधायक रह चुके।
आज भी इनकेे पास घर के नाम पर एक झोपड़ी और के रूप मेंं एक पुरानी साईल साईकल है।मोबाइल के नाम पर एक एंड्रॉयड फोन तक नही हैं इनके पास, बता दे की सारंगी इससे पहले दो बार विधायक भी रह चुके। और वर्तमान मे देश के 542 सांसदों में सबसे गरीब सांसद है ये। इसके अलावा एक और बड़ी बात निकल कर आई की वर्तमान लोकसभा चुनाव में इनके प्रतिद्वंद्वी अरबपति थे, जिन्हें 12970 वोटों से पराजित कर संसद पहुंचे। अब समझने वाली बात है। की असली देशभक्त कौन है।

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