
नवजात के यूं सड़क पर मिलने की खबर से द्वारका इलाके में आग की तरह से फैल गई। जिसके बाद बड़ी संख्या में एनजीओर और लोगों ने उसकी देखरेख की जिम्मेदारी उठाने की बात कही है।
द्वारका इलाके में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। 29 अप्रैल की दोपहर एक मां ने 1 घंटे पहले जन्मे नवजात को 45 डिग्री तापमान में सड़क पर फेंक दिया।
धूप इतनी तेज थी कि नवजात बुरी तरह से झुलस गया, उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। फिलहाल नवजात का उपचार चल रहा है। द्वारका नॉर्थ थाना पुलिस नवजात के परिजनों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है। उधर, तीन से दिन अस्पताल में भर्ती बच्चे की देखरेख नर्स और महिला पुलिस कांस्टेबल कर रही हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 अप्रैल की दोपहर करीब 12.30 बजे द्वारका सेक्टर-12 स्थित इन्द्रप्रस्थ सोसायटी से सड़क पर नवजात के पड़े होने की सूचना मिली। पुलिस को युवक अम्बुज सिंह ने बताया कि वह इसी सोसायटी में ही रहता है। वह जब घर से निकल रहा था, तो उसने बच्चे की रोने की आवाज सुनी। उसने घर के पीछे की ओर देखा तो वहां एक बच्चा सड़क पर पड़ा था। उसने तुंरत जाकर बच्चे को उठाया और मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सीडब्लूसी को सूचना देकर बच्चे के परिजनों को ढूंढना शुरू कर दिया है।
मां का इंतजार –
अस्पताल में मौजूद पुलिस अधिकारी ने बताया कि नवजात की तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है। सड़क पर तेज धूप में पड़े होने के चलते वह झुलस गया था। डॉक्टरों ने उपचार के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। लेकिन बहुत छोटा होने के चलते वह लगातार रो रहा है। ऐसे में पुलिस कांस्टेबल व अस्पताल की नर्स उसका ध्यान रख रही है। नर्स का कहना है कि नवजात नींद खुलते ही रोने लगता है, दूध पीने के बाद भी चुप नहीं हो रहा। पुलिस जल्द उसकी मां को ढूंढ दे, पिछले तीन दिन से वह अपनी मां का इंतजार कर रहा है।
सीसीटीवी का सहारा-
जिस सोसायटी में बच्चा मिला है, पुलिस ने वहां और उसके पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की है। पुलिस फुटेज के सहारे बच्चे को फेंकने वाले व्यक्ति की तलाश कर रही है। पुलिस सोसायटी के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस ने पास बने अस्पतालों, नर्सिंग होम से गर्भवती महिलाओं की सूची भी ली है।
