रायपुर : जो सरकार के मामलों को न्यायालय में सम्हालता सरकार उसे ही नही सम्हाल सकी कनक तिवारी ने शासन को पूरी तरह से धोखा देने की नियत से तृप्ति राव के मामले में 8 वकीलों की नियुक्ति के लेकर गलत जानकारी माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया इसके अलावा कनक तिवारी ने शासन की बिना अनुमति के 32 शासकीय पैनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की और सप्ताह भर के बाद ही उन्होंने आठ लोगों को बर्खास्त कर दिया उसके 1 सप्ताह के बाद पुनः आठ लोगों को नियम विरुद्ध तरीके से बर्खास्त किया तथा 53 नए लोगों को अपने पसंद के लोगों को शासकीय पैनल अधिवक्ता बनाने के लिए नोटिस एवं सूचना जारी कर दिया शासन इस मामले में बुरी तरह फंसा हुआ है क्योंकि धारा 24 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत समुचित नोटिफिकेशन नहीं होने से इनमें से कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होता है तो उसे अवैध उपस्थिति ही मानी जाएगी
जब सरकार और कनक तिवारी जी को यह मामला समझ में आया तब उन्होंने गुपचुप तरीके से मामले को मिटाने व छुपाने का प्रयास किया । संपूर्ण मामले में अधिवक्ताओं को भी भुगतान नहीं हो सकता जो कनक तिवारी के कहने से शासन की तरफ से अवैधानिक ढंग से उपस्थित हो गए हैं ।
जब सरकार को ये बात समझ मे आई तो मुख्यमंत्री ने कहा दिया कि महाधिवक्ता ने इस्तीफा दे दिया है जबकि कनक तिवारी कहते है कि उन्होंने इस्तीफा नही दिया फिर तुरन्त नए महाधिवक्ता वर्मा जी की नियुक्ति हो गई ।ये छत्तीसगढ़ सरकार का हाल है न जनता सम्हल रही है न अधिकारी कर्मचारी और न ही प्रशासनिक अमला यही है परिवर्तन वक्त है बदलाव का।