नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. बिहार में बीजेपी के इस दमदार प्रदर्शन दम पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह भी मिल गई है. नित्यानंद राय के मंत्री बनाए जाने के बाद अब बिहार में नए पार्टी अध्यक्ष की खोज हो रही है. पार्टी कई नामों को लेकर मंथन कर रही है. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए नेतृत्वकर्ता के रूप में बीजेपी दमदार चेहरों की खोज में लगी है. आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार बीजेपी को करीब 2.5 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं जबकि पार्टी ने 17 में से 17 सीटों पर जीत भी दर्ज की.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) दूसरी बार उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से संसद पहुंचे हैं. इस चुनाव में नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को करारी शिकस्त दी, पार्टी ने राय को इसक पुरस्कार उन्हें केंद्र में पहली बार मंत्री बनाकर पार्टी ने दिया. नित्यानंद राय के मंत्री बनने के बाद यह तय है कि वे अब अध्यक्ष पद छोड़ेंगे. राय ने हालांकि अब तक औपचारिक रूप से अपने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव परिणाम के आंकड़ों पर गौर करें तो इस चुनाव में बीजेपी को दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों का भी साथ मिला है. सूत्रों का दावा है कि इस बार चुनाव जीतने और केंद्र में मंत्री नहीं बनने वाले पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, संजय जायसवाल जैसे दिग्गज सांसदों में से किसी एक को भी यहां के शीर्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है.
सूत्रों का कहना है कि झारखंड में पार्टी के संगठन मंत्री का दायित्व संभल चुके और बिहार के प्रदेश मंत्री राजेंद्र सिंह को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंप सकता है. भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि पिछली बार जिन दो केंद्रीय मंत्रियों रामकृपाल यादव और राधामोहन सिंह को इस मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है, उन्हें भी यह जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. उनका कहना है कि नित्यानंद राय की जगह पर जातीय समीकरण दुरुस्त करने के लिए उसी जाति के रामकृपाल यादव को यह जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है.