BREAKINGछत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा और छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ मना रहा है 42वां शहादत दिवस

बालोद। दल्ली राजहरा,, जिले का सबसे बड़ा राजस्‍व देने वाला शहर है दल्ली राजहरा पूरे विश्व में लौह नगरी के नाम से जाना जाता है चारो ओर वनांचल से घिरा हुआ है वैसे तो दल्ली राजहरा मजदूर आंदोलन के लिए जाना जाता है शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जैसे अंतरराष्ट्रीय मजदूर नेता जिनका कार्य क्षेत्र भी दल्ली राजहरा ही रहा है जिन्होंने किसान मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी और संघर्ष के लिए निर्माण और निर्माण के लिए संघर्ष जैसे नारा बुलंद किया जो आज भी मजदूरों की जुबान पर है आज भी लोग नियोगी जी को मजदूरों के मशीहा कहा जाता है जिन्होंने मजदूरों के मागो को लेकर कई बार आवाजे बुलंद किए श्रमिकों के लिए संगठन तैयार किया मुक्ति मोर्चा और माइंस श्रमिक संघ वर्ष 1977 जून महीने की 2 और 3 तारीख को खदान मजदूरों ने बोनस की मांग को लेकर मोर्चा कार्यालय के समक्ष इक्ट्ठा हो कर आवाज बुलंद कर रहे थे|

बिहारी लाल ठाकुर (श्रमिक नेता) के अनुसार खदान में कार्यरत ठेकेदारों के शोषण के खिलाफ अन्याय के विरुद्ध हर पहलू का विरोध किया जा रहा था हर संघर्ष में मजदूरों का हौसला बुलंद होते गया मजदूरों को काम नहीं दिया जाता था मजदूरों ने फालबैकवेजेस एवं आवास सुधार की मांग को लेकर संघर्ष की शुरुवात हुई तमाम वाद विवाद को हर साजिश को विफल कर मजदूर आगे बढ़ रहा था एतिहासिक संघर्ष के बाद 31 मई 1977 सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष लिखित रूप से समझौता हुआ था लेकिन कुछ दलाल नुमा ठेकेदार और मैनेजमेंट ने मिलकर मजदूर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया जिसके बाद 2 जून की काली रात के अंधेरे में मजदूर नेताओ को गिरफ्तार करने के बहाने सात मजदूरों को गोली मार दिया गया जिसमे मजदूर नेत्री अनुसूइया बाई के आलावा बालक सुदामा शहीद हो गए थे दूसरे दिन 3 जून को भरी दोपहरी में लिखित अग्रीमेंट को ना मानकर ठेकेदार शासन को बताकर भाग गए मजदूरों के बढ़ती भीड़ देख कर प्रशासन के पसीने छूटने लगे थे मजदूरों की एकता को देखते हुए मजदूर नेताओ को गिरफ्तार ना कर गोली चला दी जिसमे लाल हरा परिवार के 11 साथी शहीद हो गए जिसमे मुख्य रूप से शहीद अनुसूइया बाई, शहीद सुदामा, शहीद जगदीश, शहीद सोनाऊ राम, शहीद रामदयाल, शहीद हेमनाथ, श्हीद समारु, शहीद पुनउ, शहीद टीभू राम, शहीद डेरेलाल, शहीद जयलाल व अन्य लोगो ने मजदूर आंदोलन में अपनी अंतिम सांसे ली जिनकी याद में शहिद दिवस मनाया जाता है एकता और संघर्ष के सामने आखिर जीत मजदूरो की हुई उस दिन की भयावह मंजर सुन आज भी कांप जाते हैं लोग मुक्ति मोर्चा के नेता ओम प्रकाश साहू ने बताया शहीद नियोगी जी के विचार आज भी जिंदा है कामरेड पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर जी के नेतृत्व में आज भी मजदूर आंदोलन जारी है और रहेगा।

source

mitan bhoomi

समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं के द्वारा प्रस्तुत सामग्री (समाचार/ फोटो/वीडियो आदि) शामिल होगी. मितान भूमि इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई जिम्मेदार नहीं स्वीकार करता है. मितान भूमि में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवादाता/खबर देने वाला स्वयं जम्मेदार होगा, मितान भूमि या उसके स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक, की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादो का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button