36 हजार करोड़ के नान घोटाला एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हुई गोलमाल के बाद सुधार की आवश्यकता बदले जायेंगे सार्वजनिक वितरण प्रणाली केन्द्र के संचालक
चावल, चना, नमक उपलब्धता के बाद भी राशन दुकानदारों के द्वारा हितग्राहियों को नहीं देना गंभीर
कांग्रेसजनों ने की कड़ी कार्यवाही की मांग
रायपुर/03 जून 2019। पूर्व की रमन सरकार के दौरान हुई 36 हजार करोड़ के नान घोटाला एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हुये गोलमाल के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर उठ रहे सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और राशनकार्डों के घोटाले के गुनाहगार अब बेनकाब होंगे।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूर्व से संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली केन्द्रों के संचालकों ने गरीबों के चावल, चना, नमक के वितरण में राजनैतिक दुर्भावनावश अवरोध उत्पन्न किया है जिसके कारण हितग्राहियों को उसका लाभ नहीं मिल पाया और भ्रम की स्थिति उत्पन्न की गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार राज्य के प्रत्येक परिवार को राशन कार्ड देने जा रही है जिसके माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ छत्तीसगढ़ के सभी परिवार को मिल सके। पूर्व की रमन सरकार के दौरान भाजपा के करोड़पति नेताओं के पुत्र, पुत्र-वधुओं को बीपीएल कार्ड की सुविधा दी जाती थी, जिसके कारण बीपीएल के वास्तविक हितग्रहियों का अधिकार छिना जाता रहा है। राशन घोटाला के लिये पूर्व की रमन सरकार के द्वारा कई बार राशन कार्डो का सत्यापन के नाम से हेराफेरी किया गया। वास्तविक लोगों को राशन नहीं मिल पाया, जिसके लिये कांग्रेस पार्टी ने सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में थानों में एफआईआर दर्ज करायी गयी। कांग्रेस की सरकार प्रत्येक परिवारों को उनके अधिकार का राशन देने जा रही है। पूर्व से संचालित वितरण प्रणाली में कई खामिया पाई गयी है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी एवं सरल बनाने पूर्व से संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानों में बदलाव की कांग्रेसजनों ने मांग की है। रमन सिंह सरकार के समय से ही छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरीके से गड़बड़ी की शिकार है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी के चलते 36 हजार करोड़ के नान घोटाले जैसी घटनायें हुई। नान घोटाले में और राशन कार्ड घोटाले में रमन सिंह और शीर्ष भाजपा नेताओं के खिलाफ दस्तावेजी सबूत मिलते रहे और भाजपा की सार्वजनिक वितरण प्रणाली और फर्जी राशनकार्डो की लगातार शिकायतें मिलती रही। लोकसभा चुनाव के बाद हुई कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव आया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाया जाना चाहिये। भाजपा की सरकार के समय की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में परिवर्तन होना चाहिये। कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप और शिकायतों पर आवश्यक कार्यवाही की बात कही गई।