
रायपुर : अवगत हो कि 24 अप्रैल 2019 को एम्स में भर्ती कराये गये पाटन विधानसभा के ओदरागहन गांव के प्रकाश चंद्रवंशी की उस वक्त तबीयत ज्यादा खराब हो गयी, जब उन्हें एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया गया। ये इजेक्शन अस्पताल में मौजूद अमृत फार्मेसी से खरीदा गया था।एम्स प्रबंधन ने शिकायत के बाद आनन फानन में जांच हेतु तीन डाक्टरों की एक कमेटी बना दिया असिस्टेंट प्रोफेसर फॉर्मेकोलॉजी डॉ. आलोक सिंह, डॉ. रंगनाथन और डॉ. एच दास कमेटी में हैं। इस जांच दल द्वारा सात दिन में रिपोर्ट तलब करने की बात एम्स प्रबंधन की तरफ से की जा रही है।इधर एम्स में मरीज को एक्सपायरी दवा दिये जाने के मामले में प्रबंधन ने बड़ा एक्शन लिया है। मामले की जांच के लिए जहां एक कमेटी गठित कर दी गयी है, वहीं दो फार्मासिस्टों को बर्खास्त कर दिया गया है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी से 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गयी है।प्रथम दृष्टिया इस पूरे मामले में स्टोर में ड्यूटी पर मौजूद फार्मासिस्टों की घोर लापरवाही सामने आयी है, जिसके बाद दोनों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। मेडिकल स्टोर की तरफ से प्रारंभिक रिपोर्ट में गलती स्वीकार की गयी है, साथ ही इसके लिए दो फार्मासिस्ट किरण और चितरंजन को जिम्मेदार माना गया है। इन्होंने दवा का एक्सपायरी डेट चेक किये बगैर ही दवा मरीज को दिया था।इधर सम्पूर्ण विषय में शिवसेना, छत्तीसगढ़ के तेजतर्रार युवानेता ने उक्त मामले में प्रबंधन द्बारा सिर्फ फार्मासिस्टों के ऊपर किये गये कार्यवाही को एकतरफा फैसला बताते हुये, संचालक एम्स, अन्य स्टाफ़ व स्वास्थ्य मंत्री को भी मौत का जिम्मेदार बताया है।श्री पाण्डेय् का कहना हैकि सरकार बड़े बड़े पद व ताकत के साथ लाखों रुपये प्रतिमाह इन लोगों को वेतन के रुप में लापरवाही करने का नही देती है।फार्मासिस्ट की गलती तो है ही परंतु क्या मेडिकल स्टोर संचालक जिसने एक्पायरी दवाई अपने संस्थान में रखा था वह इस मौत के लिये जिम्मेदार नही है क्या..?मरीज को बिना नाम, एक्सपायरी जांच कियर इंजेक्शन लगाने वाले कर्मचारी भी उतने ही जिम्मेदार नही है क्या ?जब इंजेक्शन लगाया गया उस समय अस्पताल व वार्ड में ड्यूटी कर रहे प्रभारी इस मौत के लिये जिम्मेदार नही है क्या..?शिवासेना नेता ने इस समस्त मामले में प्रबंधन व सरकार को सीबीआई जांच कराने का सलाह दिया है।उनका कहना हैकि सरकारी वेतन कमा रहे सारे लोग अपने जिम्मेदारी से भागते हैं , एक गरीब छत्तीसगढ़ी भाई की मौत का कारण इन सबकी लापरवाही मात्र है।उन्होने सरकार से भी निवेदन किया हैकि मामले के लिपापोती के बजाय सक्त से सक्त कार्यवाही का आदेश दिया जावें ताकि आमजनता में सरकार ने प्रति विश्वसनियता कायम रह सकें.
