रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मोदी जी न तो देश को समझते हैं, न देशप्रेम को, न राष्ट्र को समझते है और न राष्ट्रप्रेम को, न त्याग समझते है न बलिदान। मोदी जी को सिर्फ सत्ता समझ में आती है। मोदी जी प्रेम नहीं घृणा को समझते हैं। राजीव गांधी ने देश के लिये जान गंवाई। उनका अपमान देश और उनकी शहादत का अपमान है।
मोदी जी द्वारा शहीद राजीव गांधी के प्रति की गई टिप्पणियां आम चुनाव के शुरुआती चरणों के बाद बन रही राजनीतिक स्थिति से मोदी जी की बौखलाहट और निराशा का जीता जागता सबूत है। स्वर्गीय राजीव गांधी एक ऐसे नेता थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। देश को 21वीं सदी में ले जाने के लिए संचार क्रांति सूचना क्रांति महिलाओं को आरक्षण 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार पंचायती राज और नगरी निकाय संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिये हम सब राजीव गांधी जी को बहुत ही आदर और श्रद्धा के साथ ही स्मरण करते है।
राजीव जी का छत्तीसगढ़ के साथ गहरा लगाव रहा है और हम छत्तीसगढ़ के लोग भी राजीव जी के प्रति उतना ही लगाव रखते हैं। राजीव जी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों से पूरे देश के साथ साथ हम छत्तीसगढ़ के लोग भी आहत हैं। प्रधानमंत्री मोदी को यह याद रखना चाहिए कि ऐसे देश के महान नेता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में निम्नस्तरीय टिप्पणियों से उनको वोट नहीं मिल सकते लेकिन जिस सम्मानित पद में वे विराजमान है उसकी मर्यादा और गरिमा को जरूर क्षति पहुंचती है।
झूठ फैलाना और देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वालों का चरित्र हनन करना देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ी गिरावट है जिसके लिए मोदी जी जिम्मेदार हैं। देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने इतने निम्न स्तर पर जाकर कभी राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस पार्टी इस बयान के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करती है। निर्वाचन आयोग से इस प्रकार की मोदी जी और दिगर भाजपा नेताओं की हरकतों की गंभीर शिकायतें लगातार की जा रही है और इस पर कार्यवाही ना होना पूरे देश के लिए चिंता और दुख का विषय है। राजीव गांधी जी के बारे में विपक्ष के झूठे आरोप दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2005 में ही आधारहीन कहकर खारिज किए जा चुके हैं और सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सीबीआई की अपील को 2018 में खारिज कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के विरुद्ध मोदी सरकार ने कोई अपील नहीं की है।