राजनीति में निम्नस्तर की सीमा लांघ गयी भाजपा
रायपुर : प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पांच चरण के चुनाव के बाद यह तय हो गया कि जनता ने मोदी एन्ड कम्पनी को नकार दिया है। मोदी के पास अपनी पांच साल की उपलब्धियों के नाम पर बताने को कुछ नही है। पूरा चुनाव उन्होंने सिर्फ़ झूठ और जुमले बाजी पर लड़ा। भाजपा और मोदी के द्वारा इस पूरे चुनाव के दौरान जनहित के मुद्दों को दरकिनार रखने की एक साजिश रची गयी। अपनी असफलताएं के लिये बड़ी बेशर्मी से नेहरू जी तक को जिम्मेदार ठहराने के दुस्साहस भी अनेको बार किये है। देश की राजनीति में अधः पतन की सारी सीमाएं लांघ दी गयी है। देश के अब तक के सबसे लोकप्रिय प्रधानमत्री राजीव गांधी के बारे में ऐसी घिनौनी टिप्पणी देश की जनता को सर्वथा अस्वीकार्य है। राजीव गांधी के ऊपर बोफोर्स के मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले 1991 से देश की सत्ता में रहे। जेब मे फ़टे कागज की पर्ची ले कर देश भर को बरगलाने वाले लोग कभी यह कोई प्रमाण न अदालत के सामने और न जांच एजेंसी के सामने को सबूत दे पाए। देते भी कैसे जब कुछ था ही नही। दिल्ली हाई कोर्ट और और सुप्रीम कोर्ट दोनो ने माना कि बोफोर्स मामले से राजीव गांधी का कोई लेना देना नही था। तदनुसार भाजपा की अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने बोफोर्स के चार्ज शीट से राजीव गांधी के नाम को हटाया था और आज मोदी जी शहीद राजीव गांधी को आरोपित कर रहे है। आज मोदी ऐसे व्यक्तियों के नाम को अपनी गन्दी राजनीति के प्रचार का साधन बनाने की कुचेष्टा कर रहे है जो उनके इन झूठे आरोपो का जबाब देने दुनिया में नही है। स्व. अटल बिहारी बाजपेयी ने गोधरा नर संहार के बाद सही कहा था इस व्यक्ति को राजधर्म की शिक्षा दी जाय। उस समय आडवाणी जी अपने इस शिष्य को राजधर्म का पाठ पढ़ा दिए होते तो आज न वे खुद शर्मसार होते और न देश का प्रजातन्त्र इतने घृणित भाषा शैली के कारण आहत होता। मोदी देश और प्रजातन्त्र के लिए घातक तत्व बन कर उभरे हैं। देश ने किसी शीर्ष नेता को इतना निचले स्तर तक गिरते हुए कभी नही देखा। आज तक किसी प्रधानमंत्री ने कभी किसी आम सभा में न अपने जाती और क्षेत्र के नाम पर वोट नही मंगा। लेकिन मोदी ने वह भी कर दिया। यह देश का दुर्भाग्य है मोदी जी जैसा व्यक्ति प्रधानमंत्री है जो सत्ताप्राप्ति को देश के प्रजातांत्रिक मूल्यों, आदर्शों और नैतिकता से कही बढ़ कर प्रस्तुत करता है।