
रायपुर : प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अभी कुछ महीने ही हुए और अफसरों की लालफीताशाही शुरू हो गयी हैं। राज्य शासन के आदेशों का अधिकारी सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है । जहाँ शासन द्वारा एक विभाग के अधिकारी को तत्काल प्रभाव से तबादला करते हुए दूसरे जिले के अधिकारी के स्थान पर जाना था और वहां के अधिकारी को यहाँ ज्वाइनिंग देना था पर अधिकारियों की आपसी साठगांठ से शासन बेखबर हैं। मामला राजधानी के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पदस्थ जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किरण कौशिक का है, जिसे मुख्यमंत्री ने बीते चार महीने पहले 18 फऱवरी को जैजैपुर जिला जांजगीर-चांपा के लिए तत्काल प्रभाव से तबादला किया था और वहां के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ जे. पी शुक्ल को यहाँ राजधानी के जनपद पंचायत का कार्यभार सौंपा गया था। लेकिन जिला पंचायत में पदस्थ कर्मचारियों ने बताया कि अब तक किरण कौशिक यहाँ से गए नहीं हैं। अंगद के पांव की तरह जमे हुए है।
सीएओ की जिम्मेदारी : जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आचार सहिंता से एक महीना पूर्व ही पहले ही ट्रांसफर लेटर दे दिया गया था। वही आचार संहिता खत्म भी हो गई । अधिकारी यहां से रिलीव नहीं हुए है। इतना ही नहीं पिछले 4 महीने से किसी को भनक न लगे इस वजह से दफ्तर आना जाना भी कम कर दिया है। लेकिन सवाल यह उठता हैं कि यदि पंचायत या ग्रामीण विकास विभाग के रायपुर जिले में या जांजगीर-चांपा जिले में किसी प्रकार से अचानक घटना हुई तो तबादले का बहाना देकर अपने कार्य से बच जायेगा। जिन्होंने इन अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया था, छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उपसचिव के पद पर पदस्थ जीतेन्द्र शुक्ला से जब पूछा गया तब उनका कहना था कि इतने तबादले होते हैं, कहां का मामला है, अच्छा रायपुर का आचार सहित एक वजह हो सकती है और वैसे भी ये वहां पदस्थ सीएओ की जिम्मेदारी हैं किसे रिलीव करना है या किसे ज्वाइनिंग करवाना हैं, उनसे बात करिये।
मार्च में आचार सहिंता लग गयी थी, उससे पहले इन्हें ट्रांसफर लेटर दे दिया गया था, लेकिन इन्होंने आपस में बात कर लिया होगा, कब ज्वाइन करना है। लेकिन आदेश निरस्त नहीं हुआ है और आगे हम शासन को दो-तीन दिन बाद लेटर लिखेंगे या तो इस ट्रांसफर लेटर को निरस्त करे या हमें कोई दूसरा अधिकारी यहां नियुक्त करे जिससे काम प्रभावित न हो।
– गौरव कुमार सिंह, सीएओ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
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