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श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.) में साइबर सुरक्षा और साइबर क्राइम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला में सिविल लाइन्स थाना प्रभारी श्री रोहित मालेकर एवं एनआईटी रायपुर से डॉ. तीरथ प्रसाद साहू, एसोसिएट प्रोफेसर बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित रहे।

श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.) में “साइबर सुरक्षा और साइबर क्राइम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रायपुर
श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा “साइबर सुरक्षा और साइबर क्राइम पर जागरूकता” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों और कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना तथा डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के उपायों से परिचित कराना था।

कार्यशाला में सिविल लाइन्स थाना प्रभारी श्री रोहित मालेकर एवं एनआईटी रायपुर से डॉ. तीरथ प्रसाद साहू, एसोसिएट प्रोफेसर बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर माननीय प्रो-चांसलर श्री एस.एस. बजाज, माननीय कुलपति प्रो. एस.के. सिंह एवं फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. आर.आर.एल. बिराली जैसे विशिष्ट अतिथियों ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं राज्य गीत से हुई।

इस अवसर पर *कुलपति प्रो. एस.के. सिंह* ने कहा, “साइबर क्राइम तेजी से कई रूपों में विकसित हो रहा है। इसे रोकने के लिए तकनीकी जागरूकता और सतर्कता सबसे बेहतर उपाय हैं।”

*प्रति-कुलाधिपति श्री एस.एस. बजाज* ने साइबर क्राइम से जुड़े अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को सतर्क और सजग रहने की सलाह दी।

*श्री मालेकर* ने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा, “साइबर सुरक्षा केवल एक तकनीकी विषय नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। युवाओं को डिजिटल नैतिकता को अपनाना चाहिए।”

*डॉ. साहू* ने अपने तकनीकी सत्र में फिशिंग, डेटा चोरी, पासवर्ड सुरक्षा, सोशल मीडिया में सावधानियाँ और एथिकल हैकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

कार्यक्रम के अंत में कार्यशाला *समन्वयक प्रो. मिथीलेश सिंह* ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों और प्रतिभागी विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक होते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का भी बोध कराते हैं।

यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए अत्यंत सूचनाप्रद, व्यावहारिक और प्रेरणादायी सिद्ध हुई, जिसे उन्होंने एक समयानुकूल और मूल्यवान पहल के रूप में सराहा।

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