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प्रदेश के पुलिस थाने जनसुविधा केन्द्र के रूप में होने चाहिए : DGP

रायपुर । पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी की अध्यक्षता में आज पुलिस मुख्यालय अटल नगर नवा रायपुर में पुलिस थाना प्रभारी सम्मेलन का आयोजन हुआ। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये थाना प्रभारियों को संबोधित करते हुए अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशा के अनुरूप प्रदेश के सभी पुलिस थाने जनसुविधा केन्द्र के रूप में विकसित होने चाहिए और जन सहुलियत का केन्द्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का आम नागरिक अपनी परेशानियों और समस्याओं के निराकरण के लिए सर्वप्रथम थाने में आता है और न्याय की उम्मीद करता है। थाना प्रभारी अपने व्यवहार तथा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के व्यवहार से इन आम नागरिकों की समस्याओं को हल करने का प्रयास कर सकता है। थाना प्रभारी को यह ध्यान रखना चाहिए कि थाने पहुंचने वाला नागरिक अधिकतर मध्यम या गरीब परिवार का होता है।
पुलिस महानिदेशक अवस्थी ने कहा कि राज्य में कुल 464 पुलिस थाने हैं, पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों सहित स्वयं आगामी दिनों में प्रत्येक थाने का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि थाना प्रभारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें और प्रत्येक थाने को आदर्श थाना के रूप में स्थापित करने का प्रयास करें। अवस्थी ने यह भी कहा कि थाना प्रभारी की जिम्मेदारी बहुत चुनौतीपूर्ण है, अतः इसे जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करना चाहिए।
विशेष पुलिस महानिदेशक (गुप्तवार्ता) संजय पिल्ले ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश आम नागरिकों को पुलिस से ज्यादा अपेक्षायें रहती है और पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को बेहतर अनुशासन बनाये रखना चाहिए, किसी व्यक्ति के साथ जब कोई घटना होती है या परेशानी होती है तभी वह थाने पहुंचता है, इसलिये थाने के कर्मचारियों को व्यवहार उसका आधा दुख-दर्द दूर कर सकता है।
विशेष पुलिस महानिदेशक (योजना/प्रबंध) आर. के. विज ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें की आम नागरिकों के प्रति पुलिस थानों के कर्मचारियों का व्यवहार विनम्रता पूर्ण होना चाहिए। पुलिस का कर्तव्य है कि थाने पहुंचने वाले लोगों की शिकायतों को दूर किया जाये और उसके दुख-दर्द दूर करने का प्रयास किया जाये। श्री विज ने कहा कि पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी को चरित्रवान होना चाहिए और पुलिस की नौकरी में तो लोग बाद में आते हैं पहले बचपन से लेकर छात्र जीवन तक व्यक्ति अपने परिवार में सीखता है परन्तु अपने अच्छे चरित्र का निर्माण और परिवर्तन पूरे जीवन पर्यन्त कर सकता है। पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को ग्रामीण अंचलों में रहने के दौरान स्थानीय बोली-भाषा को उपयोग में लाना चाहिए इस तरह से आप स्थानीय लोगों के और नजदीक जा सकते हैं, और उनके समस्याओं और परेशानियों को समझ सकते हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन देव ने थाना प्रभारियों को अपराध की विवेचना की बारीकियों और वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्रित करने का सुझाव दिया। श्री पवन देव ने थाना प्रभारियों द्वारा की गई शंकाओं का समाधान भी किया। थाना प्रभारी सम्मेलन में पुलिस मुख्यालय के उप पुलिस महानिरीक्षक ओ. पी. पाल, डॉ. संजीव शुक्ला, एस. सी. द्विवेदी, नेहा चंपावत,अमरेश मिश्रा और एच. आर. मनहर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये लगभग 120 थाना प्रभारी उपस्थित थे।

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