नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट को लेकर आज देश के कई हिस्सों में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। दिल्ली, कोलकत्ता , मुंबई , मध्यप्रदेश सहित हैदराबाद में भी डॉक्टर हड़ताल पर है। वहीं डॉक्टर की हड़ताल से मरीज परेशान है। हॉस्पिटल में इलाज न मिलने से मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानियां हो रही है।
महाराष्ट्र के नागपुर में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में ‘सेव द सेवियर’ और ‘स्टैंड विद NRSMCH’ पोस्टर्स वाले डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा का विरोध किया। कोलकत्ता में NRS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के छात्र धरने पर बैठे। दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ओपीडी के बाहर मरीज और उनके परिजन। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) आज हड़ताल पर है।
रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर विरोध जताते हुए ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए। जयपुर में जयपुरिया अस्पताल के डॉक्टर ने भी डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरोध के निशान के रूप में काली पट्टी बांधकर अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए दिखे। वहीं केरल के भारतीय चिकित्सा संघ, त्रिवेंद्रम के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा का विरोध किया।
दिल्ली में पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के रूप में मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक मरीज के रिश्तेदार का कहना है, “मेरी माँ का डायलिसिस आज के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अब हमें कहा गया है कि जाओ और इसे कहीं और से करवाओ।”
मुंबई के सायन अस्पताल के MARD अध्यक्ष प्रशांत चौधरी ने कहा, पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों पर भीड़ ने हमला कर दिया, जब इस तरह से लक्षित हमला होता है तो यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा बन जाता है। आज, हम घटना पर मौन विरोध कर रहे हैं।
हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर विरोध मार्च निकाला। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, सिलीगुड़ी के डॉक्टरों ने एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर हड़ताल की।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए दिल्ली में एम्स के कुछ रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को यहां प्रतीकात्मक प्रदर्शन करते हुए अपने सिर पर पट्टी बांध कर काम किया वहीं आज सभी डॉक्टर ने काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की निंदा करते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने देश भर के आरडीए से सांकेतिक हड़ताल में शामिल होने को कहा है।
एम्स आरडीए ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के खिलाफ जारी और लगातार बिगड़ती हिंसा की स्थिति चिंतित और हताश करने वाली है। बयान में कहा गया, “कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, चिकित्सकों के हॉस्टलों पर भीड़ द्वारा हथियार के साथ हमला करने की खबरें आ रही हैं। सरकार चिकित्सकों को सुरक्षा और न्याय दिलाने में विफल रही है।”
इसमें कहा गया कि एम्स आरडीए इन घटनाओं से बेहद आहत है। एम्स आरडीए पश्चिम बंगाल के अपने सहयोगियों के समर्थन में उनके साथ खड़ी है और हमनें उनके समर्थन में 13 जून को प्रदर्शन करने और 14 जून को एक दिन के लिये हड़ताल रखने का फैसला किया है। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, ओपीडी, नियमित और वार्ड सेवाएं बंद रहेंगी।
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