रायपुर : आरटीआई एक्टिविस्ट और कांग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने मीडिया के माध्यम से एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि भाजपा शासन के 15 सालों में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चला था कि अब जब नई सरकार आने के बाद जब परत दर परत फाइलें खुल रही हैं तो उनसे जवाब देते नहीं बन रहा है।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग से संबंधित एक जानकारी प्राप्त करने के लिए 22 अप्रैल को एक आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी, जिसका जवाब उन्हें 15 मई को मिला। जवाब में यह लिखा था कि आपके पत्र के साथ पोस्टल ऑर्डर को रिक्त रखा गया है जिसके बाद संजीव अग्रवाल 24 मई को अपील लगाई, जिसकी सुनवाई 30 मई को हुई। अपील अधिकारी ने संबंधित विभाग के जन – सूचना अधिकारी को 8 दिन में उपयुक्त जानकारी बिना किसी शुल्क के याचिकाकर्ता संजीव अग्रवाल को देने का आदेश किया है, जिसके बाद 6 जून को संजीव अग्रवाल को एक पत्र मिलता है जिसमें यह लिखा होता है कि संबंधित विभाग के पास ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि फाइलें उनके हेड क्वार्टर में है जबकि आरटीआई के नियम के अनुसार किसी भी विभाग को उनकी फाइलें हेड अॉफिस में जमा करने से पहले, उन दस्तावेज़ों की प्रतिलिपि को सत्यापित कर कार्यालय में रखना अनिवार्य है ताकि सूचना के अधिकार के तहत यदि कोई जानकारी मांगी जाए तो वह दी जा सके।
अब संजीव अग्रवाल ने मीडिया के माध्यम से यह आरोप लगाया है कि हो ना हो, जो जानकारी मैं मांग रहा हूं उस जानकारी को ना देने के पीछे किसी बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है। अत: मुख्यमंत्री इस दिशा में उपयुक्त कार्रवाई करें वरना ऐसे भ्रष्ट अधिकारी प्रशासन में बैठे रहेंगे और भ्रष्टाचार छत्तीसगढ़ से कभी खत्म नहीं हो पाएगा।