इंदौर: भाजपा सांसदों के विरोध के बाद रेलवे ने ट्रेनों में मसाज सर्विस शुरू करने का इरादा छोड़ दिया है। पश्चिम रेलवे ने बाकायदा बयान जारी करते हुए उक्त प्रस्ताव को ख़ारिज किए जाने की जानकारी दी है। पश्चिम रेलवे ने कुछ रोज पहले यात्रियों को ट्रेन के अंदर मालिश या मसाज सेवा प्रदान करने की योजना की घोषणा की थी।
इसके साथ ही मसाज सेवा की दरें और ट्रेनो की लिस्ट भी जारी की थी। इस सेवा की शुरुआत इंदौर से होनी थी, किन्तु आम जनता के अतिरिक्त इंदौर के विशिष्ट लोगों ने ही इस सेवा के औचित्य पर सवाल उठाए थे। मसाज सेवा पर पहला विरोध इंदौर के वर्तमान भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने किया था और केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजा था। पत्र में उन्होंने ‘भारतीय संस्कृति के मानकों’ का हवाला देते हुए मसाज सर्विस को ‘स्तरहीन’ करार दिया था और जन भावनाओं के मुताबिक इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।
लालवानी के बाद सुमित्रा महाजन ने भी गोयल को पत्र भेजा और प्रस्ताव से सम्बंधित अपनी आशंकाओं और जिज्ञासाओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने जानना चाहा था कि क्या रतलाम डिवीजन की प्रस्तावित योजना को मंत्रालय ने इजाजत दी है? इस प्रकार की मालिश सुविधा के लिए चलती रेलगाड़ी में किस तरह का इंतज़ाम किया जाएगा? क्योंकि इससे यात्रियों, ख़ास कर महिलाओं की सुरक्षा एवं सहजता के संबंध में कुछ सवाल उठ सकते हैं। सुमित्रा महाजन ने अपने सवाल में यह भी पूछा था कि क्या इंदौर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर मसाज पार्लर खोले जाने का भी कोई प्रस्ताव है?