नई दिल्ली : बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरनेवालों बच्चों की संख्या शनिवार तक 95 हो गई है। लगातार हो रही बच्चों की मौत का यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों तक का है। मुजफ्फरपुर में रविवार सुबह से चमकी बुखार से छह और बच्चों की मौत हो गई है। गर्मी बढ़ने से सुबह से गंभीर हाल में बच्चे को अस्पतालों में लाए जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल के वार्ड-आईसीयू फुल हो गए हैं। इसी बीच मुजफ्फरपुर में बीमारी का जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पहुंच गए हैं। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कई आला अधिकारी और विशेषज्ञ भी साथ में आए हैं। यहां बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में अब तक 95 से अधिक बच्चों की मौत चमकी बुखार और एईएस से हो चुकी है।
Bihar: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan reaches Sri Krishna Medical College & Hospital in Muzaffarpur, to review the situation prevailing due to the outbreak of Acute Encephalitis Syndrome (AES). Death toll due to AES has risen to 80 in Muzaffarpur. pic.twitter.com/sppPkaQbvt
— ANI (@ANI) June 16, 2019
ऐसा कहा जा रहा है कि एनसिफलाइटिस के चलते यह मौत हो रही है। उधर, चमकी बुखार का का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में करा रहे बच्चों के परिजनों को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस स्थिति से मुकाबला कैसे करें। उसकी वजह ये हैं कि हॉस्पीटल के आईसीयू वॉर्ड तक भी डॉक्टरों की भारी कमी है। न बच्चों को ठीक से देखा जा रहा है और न ही उन्हें समय पर दवाएं दी जा रही है।
चमकी बुखार पीड़ित बच्चों पर डॉक्टर नहीं दे रहे पूरा ध्यान
समाचार एजेंसी एएनआई ने चमकी बुखार पीड़ित बच्चे के एक पिता के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- यहां पर मरीजों के लिए ठीक से व्यवस्था नहीं की गई है। डॉक्टरों बच्चों पर ठीक से ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे बच्चे दम तोड़ रहे हैं। पिछली रात 12 बजे से कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है, सिर्फ कुछ नर्स ड्यूटी कर रही हैं।
एसकेएमसीएच में नहीं बन पाया सौ बेड का विशेष एईएस वार्ड
केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद बीते पांच वर्षों में एसकेएमसीएच में सौ बेड का विशेष एईएस वार्ड नहीं बन सका है। इस वार्ड के निर्माण के लिए सरकार ने राशि भी उपलब्ध करा दी है। फिलहाल, ईएनटी वार्ड के ऊपरी मंजिल पर सौ बेड का पीआईसीयू वार्ड बनाना था। इस विशेष वार्ड के नहीं बनने से चार जगहों पर चमकी-बुखार से पीड़ित बच्चों को रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। इससे बच्चों के इलाज में डॉक्टरों व नर्स आदि को परेशानी हो रही है।
फिलहाल, एसकेएमसीएच में दूसरी व तीसरी मंजिल पर दो-दो पीआईसीयू बनाया गया है। चार जगहों पर बीमार बच्चों के होने पर इलाज के लिए डॉक्टरों को भी भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। पीड़ितों की संख्या और बढ़ने पर उनको आईसीयू वार्ड में भी रखना पड़ सकता है।
इधर, एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए पांच साल पूर्व सौ बेड के पीआईसीयू बनाने का निर्देश केंद्र सरकार ने दिया था। इसके लिए जगह का भी चयन कर लिया गया था। बीएमईसीआई को वार्ड का निर्माण करना था। लेकिन, किसी कारण से अब तक वार्ड तैयार नहीं हो सकता है। जगह की कमी के कारण फिलहाल चार जगहों पर पीआईसीयू बनाया गया है। इससे मरीजों के इलाज में काफी कठिनाई हो रही है। विशेष वार्ड के बनने से एक साथ बच्चों को रखने व उनके इलाज में सुविधा होती।
source by LH