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छत्तीसगढ़ / बारनवापारा अभ्यारण्य में लगातार हो रही काले हिरणों की मौत….विधायक ने लिखा वनमंत्री और CM को खत…

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बार नवापारा अभ्यारण कुछ दिनों पहले काले हिरणों की मौजूदगी के लिए जाना जाता था ।लेकिन महज कुछ दिनों बाद ही अभ्यारण काले हिरणों की मौत के लिए जाने जाने लगा है ।प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 72 में से 25 काले हिरणों की मौत हो चुकी है बकायदा इसकी जानकारी विभाग को लगातार मिल रही है लेकिन विभाग अभी भी सिर्फ 12 काले हिरणों की मौत की बात कह रही है।
बता दें कि यहां के मौजूदा विधायक चंद्रदेव राय ने काले हिरणों की मौत को लेकर वन मंत्री के साथ सीएम भूपेश बघेल को भी खत लिखा है इसके बावजूद अभी तक विभाग में बैठे अधिकारियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार किसका इंतजार कर रही है सरकार को लगता है कि काले हिरणों की मौत महज एक ‘इत्तेफाक’ है या यूं कहें एक बीमारी की वजह से काले हिरणों की मौत हो रही है ।
सरकार का जवाब जो भी हो लेकिन एक बात पूरी तरीके से सत्य है कि कहीं ना कहीं काले हिरणों की मौत के लिए वन विभाग के अधिकारी अधिकारियों की लापरवाही और अनुभवहीनता जिम्मेदार है। अगर वन विभाग के अधिकारी अनुभवहीन हैं तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर जिला के वन मंडल अधिकारी आखिर क्यों इस बात को समझ नहीं पाए 12(DFO के मुताबिक) काले हिरणों की मौत हो जाती है । हालांकि वन विभाग के अधिकारी विश्वेश कुमार झा का कहना है कि कुल 12 काले हिरणों की मौत हुई है लेकिन अगर हम वन मंडल अधिकारी की बात को मान भी लें तो लगता नहीं कि क्या 12 काले हिरणों की संख्या ‘सिर्फ’ नहीं बल्कि बहुत ज्यादा है ।
सवाल यह भी है कि जब सत्ता पक्ष के विधायक चंद्रदेव रॉय ने ही मुख्यमंत्री और वनमंत्री को खत लिखकर कहा है कि वन मंडल अधिकारी को यहां से हटाया जाए ठीक तरीके से कार्य नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में उनकी बात क्यों नजरअंदाज सरकार के द्वारा की जा रही है ।

बारनवापारा अभ्यारण में लगातार एक के बाद एक काले हिरण की मौत हो रही है। आपको बता दें कि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 25 काले हिरणों की मौत बारनवापारा अभ्यारण्य में हो चुकी है ।जबकि अभ्यारण में काला हिरण अनुकूलन केंद्र भी बनाया गया है ।अभ्यारण में पर्यटकों को लुभाने के लिए वन विभाग द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण देहरादून के विशेषज्ञों ने निरीक्षण के बाद काला हिरण अनुकूलन केंद्र की स्थापना की थी। अभ्यारण में शुरू में मिलाकर कुल 27 काले हिरण मिले थे बाद में और लाए गए इस तरीके से कुल मिलाकर इनकी संख्या 72 हो गई ।जब से अभ्यारण्य में काले हिरण लाए गए थे तब से इनकी देखभाल एवं रखरखाव को लेकर वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहे ।
यहां पर लाये गए काले हिरणों की एक के बाद एक मौत हो रही है । अनुकूलन केंद्र में काले हिरणों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण डॉक्टर ने निमोनिया बताया था ।यहां पर 25 काले हिरणों की मौत हो जाने की जानकारी मिल रही है लेकिन वही वन विभाग के अधिकारी 12 काले हिरण की मौत की बात कह रहे हैं । अगर हम विभाग के आंकड़े को मान लिए जाए तो भी इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में काले हिरणों की मौत होना कहीं ना कहीं विभागीय अमले की घोर लापरवाही या यूं कहें अनुभवहीनता को उजागर करती है ।

ग्रामीणों का क्या है कहना

इस मामले में अभ्यारण के अंतर्गत आने वाले अनेक से गांव के ग्रामीणों का कहना है कि काले हिरण अगर बाहर नौपाड़ा किसान का हल आई थी तो फिर इनके मौत से आखिर अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है क्या सरकार किसी और बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। क्या सरकार को लगता है कि काले हिरण की मौत महज एक इत्तेफाक है । ग्रामीणों में यह भी चर्चा का विषय है कि आखिर सलमान खान को एक काले हिरण की मौत पर सजा हो सकती है तो इतने ज्यादा संख्या में काले हिरण के मौत के बाद भी अधिकारियों पर कार्यवाही क्यो नही हो रही हैं ।सवाल कई हैं लेकिन शायद जवाब सरकार ही दे सकती हैं ।
बहरहाल अभी तक सिर्फ जांच समिति गठित की गई है जो इस पूरे मामले की जांच करेगी लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में समझा जा सकता है कि जो सरकार हर एक मुद्दे पर एसआईटी’ गठन की बात करती है इस मुद्दे पर चुप क्यों है।

इस मामले में विधायक चंद्रदेव राय का कहना है कि वन मंडल अधिकारी के खिलाफ पहले भी करोड़ों के घोटाले के आरोप लग चुके हैं और अभी भी कहीं ना कहीं उनकी लापरवाही की वजह से ही काले हिरणों की मौत हुई है। ऐसे में तत्काल वन मंडल अधिकारी को बलौदा बाजार से हटाया जाए । साथ ही यह बात भी सामने आई है कि पिछली सरकार में वर्तमान डीएफओ के ट्रांसफर के आदेश भी जारी हो चुके थे लेकिन किसी कारणवश उनकी स्थानांतरण नहीं हो पाई ।

वनमंडल अधिकारी बलौदाबाजार विश्वेश कुमार झा का कहना है कि 12 हिरणों की मौत अभी तक हुई हैं। गिनती करने के बाद ही पता चल पाएगा कि कुल कितनी मौतें हुई हैं।

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