सूरजपुर:-सरगुजा अजजा आरक्षित संसदीय क्षेत्र में सांसद पद के लिए एक माह पूर्व 23 अप्रैल को मतदान होने के बाद करीब एक माह तक परिणाम को लेकर कयासों का दौर जारी है, सूरजपुर जिले की तीन विधानसभा समेत सभी आठ विधानसभा सीटों पर पड़ेे वोटों की गिनती 23 मई को एक साथ होगी, मतगणना के बाद दावे-प्रतिदावे पर भी 23 मई को विराम लग जाएगा। विधानसभा चुनाव में आठों विधानसभा सीटों में सूपड़ा-साफ होनेेे के बावजूद लोकसभा चुनाव में भाजपा खेमा उत्साहित है और अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है। जबकि कांग्रेस चार माह पूर्व सवा दो लाख के मतांतर को बरकरार रखने का दावा कर रही है।
गौरतलब है कि पाँच माह पूर्व विधानसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय क्षेत्र की सभी आठ सीटों में कांग्रेस ने सवा दो लाख से भी अधिक मतो के अंतर से आठो सीटे जीती थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रेमनगर की पूर्व विधायक रेणुका सिंह और कांग्रेस नेेेे वर्तमान प्रेमनगर विधायक खेलसाय सिंह को प्रत्याशी बनाकर मुुकाबलेे को रोचक बना दिया। खेलसाय सिंह की छवि सीधी, सरल एवं सहज आदिवासी नेता की है, तो इसके ठिक विपरित रेणुका सिंह को तेज तर्रार भाजपा नेत्री के रूप में जाना जाता है। अंतिम दौर का चुनाव 19 मई को है और 23 मई को मतगणना होगी। सरगुजा में वैसे तो 10 प्रत्याशी मैदान में है, लेकिन यहां भाजपा और कांग्रेस के मध्य सीधी टक्कर है। दोनों ही दल यहां जीत का दावा कर रहा है।
कांग्रेस वैसे तो संसदीय क्षेत्र की सभी आठो सीट से बढ़त का दावा कर रही है, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं को यकीन है, कि सरगुजा जिले की सीतापुर, अम्बिकापुर और लुण्ड्रा विधानसभा सीट के अलावा सूरजपुर जिले की प्रतापपुर विधानसभा सीट से अच्छी बढ़त मिलेगी जो निर्णायक जीत होगी।
सरगुजा लोकसभा सीट पर जीत को लेकर भाजपा पूरी तरह से आस्वस्थ है, पिछले चुनाव में भी कांग्रेस ने आठ में से सात विधानसभा सीटे जीती थी, लेकिन लोकसभा में भाजपा ने सरगुजा सीट पर डेढ़ लाख से भी अधिक के अंतर से फतह हासिल की थी। भाजपा खेमे के नेता प्रेमनगर, भटगांव, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा और प्रतापपुर से बड़ी जीत का दावा कर रहे है। यदि उनकी माने तो अम्बिकापुर सीट से भी भाजपा को बढ़त मिलेगी ऐसे में भाजपा द्वारा सरगुजा लोकसभा सीट पर एक लाख से भी अधिक मतो से जीत का दावा किया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक भले ही देशभर में किसी भी पार्टी या नेता की लहर ना होने का दावा कर रहे हो लेकिन सरगुजा में मोदी लहर का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। भाजपा तो पूरी तरह से मोदी लहर को अपनी जीत का आधार मान रही है, वहीं कांग्रेसी नेता भी दबे जुबान से विधानसभा चुनाव से कम वोट मिलने की बात कह कर मोदी लहर को स्वीकार कर चुके हैं।