रायपुर। जब से प्रदेश सरकार ने अपनी विद्युत नीति के तहत 400 सौ यूनिट तक हाफ बिल लेने की घोषणा की है तब से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अघोषित बिजली कटौती प्रदेश भर में की जा रही है।
जिसके चलते उपभोक्ता जेठ की भीषण गर्मी में परेशानी झेल रहे हैं। मामला चाहे राजधानी का हो या आसपास के जिले का हो सब जगह सरप्लस बिजली वाले स्टेट में संधारण कार्य (मेंटनेंस) की आड़ की घंटों बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है जिसके चलते उपभोक्ता एक एक यूनिट का बिल पटाने के बाद भी विद्युत मंडल की मनमानी सहन कर रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष ग्रीष्म काल में वर्षा ऋतु से पूर्व संधारण कार्य के दौरान मेन लाइन सहित ट्रांसफार्मर में सुधार कार्य के चलते कुछ घंटों के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित की जाती है जिसकी बकायदा क्षेत्रानुसार अखबारों में सूचना प्रकाशित की जाती है जबकि इन दिनों बिना सूचना के घंटों विद्युत आपूर्ति बाधित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल द्वारा जारी किए गए नंबरों पर संपर्क करने पर उपभोक्ताओं को आमतौर पर संतोष जनक जवाब नहीं मिलता जिसके चलते उपभोक्ताओं में गहन आक्रोश है।
आरटीआई कार्यकर्ता कोटा निवासी डॉ. चंद्रमणी तिवारी ने ऊर्जा मंत्री एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बिना उचित कारण के घंटों विद्युत आपूर्ति बाधित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
साथ ही यह भी जानना चाहा है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुसार 400 यूनिट बिजली बिल हाफ करने के पीछे कहीं विद्युत आपूर्ति समायोजित करने का प्रयास उक्त कटौती तो नहीं है।