नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दिल्ली में अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद इसकी घोषणा करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, प्रदूषण, सीलिंग, परिवहन आदि से संबंधित कई वादे किए। हालांकि, केजरीवाल ने यह भी कहा कि ये वादे पूर्ण राज्य बनने के बाद पूरे होंगे। कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने साफ किया कि वह मोदी के अलावा चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए किसी को भी समर्थन देने को तैयार हैं। लेकिन बदले में वह चाहेंगे कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह चुनाव किसी को PM बनाने के लिए नहीं, दिल्ली को पूर्णराज्य बनाने के लिए है।
क्या रहे प्रमुख वादे
केजरीवाल ने कहा कि पूर्ण राज्य बनने के बाद आप सरकार दिल्ली पुलिस में बदलाव करेगी और रिक्त भर्तियों को भरेगी। जिससे पुलिसवालों को आराम के लिए पूरा वक्त मिलेगा और वे अच्छे से और ईमानदारी से ड्यूटी कर सकेंगे।
कॉलेजों में 85 प्रतिशत सीट दिल्ली के बच्चों के लिए रिजर्व करेंगे
दिल्ली के वोटरों को 85 प्रतिशत नौकरियों में रिजर्वेशन देंगे
पूर्ण राज्य बनने पर ठेके के कर्मचारियों (गेस्ट टीचर्स भी) को एक हफ्ते के अंदर पक्का करेंगे
एमसीडी आप के अंतर्गत आई तो हर तरफ फैले कूड़े से छुटकारा दिलाएंगे
डीडीए में भ्रष्टाचार को खत्म करके 10 साल के अंदर दिल्लीवासी को सस्ती और आसान किस्तों में घर दिलाएंगे
ऐंटी करप्शन ब्रांच जिसे मोदी सरकार ने ‘छीना’ उसे वापस लेकर फिर भ्रष्टाचार कम करेंगे
भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र पर हमला करते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र सिर्फ ‘एक लाइन’ का है कि तीन धर्मों को छोड़कर सबको देश से निकाल दिया जाए। यहां केजरीवाल ने अमित शाह के एक ट्वीट का जिक्र किया जिसपर काफी विवाद हुआ था। केजरीवाल ने कहा कि 2019 में मोदी सरकार बनने पर बीजेपी मुसलमानों, जैन, पारसियों समेत अन्य सभी को घुसपैठिया बताकर निकालना चाहती है।
केजरीवाल ने कहा कि ऐसा नजर आता है कि 2019 के चुनाव में किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे में हम मोदी शाह को छोड़कर जिसकी भी सरकार बनेगी उसका समर्थन करने को तैयार हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी को रोकना यही उनके घोषणापत्र का प्रमुख बिंदू भी है। वह बोले कि भारत के संविधान पर यकीन और एकता का समर्थन करने वाले गठबंधन को वह समर्थन देंगे। केजरीवाल बोले कि समर्थन करते वक्त उम्मीद रहेगी कि दिल्ली की 70 साल पुरानी पूर्ण राज्य की मांग को पूरा किया जाएगा।