दंतेवाड़ा| बारसूर से लगे मुचनार गांव में एक अनूठी शादी हुई। इसमें दूल्हे बीरबल नाग ने सुमनी और प्रतिभा संग एक साथ फेरे लिए। इस शादी की खास बात यह थी कि शादी दोनों युवतियों की रजामंदी के बाद समाज के सामने हल्बा समाज के पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ हुई। इसमें सामाजिक सदस्य व नाते-रिश्तेदार भी शामिल हुए।
इसलिए हुई ये अनूठी शादी : मुचनार का बीरबल और करेकोट की सुमनी के बीच प्रेम प्रसंग था और बिना शादी के साथ रहते थे। कुछ माह बाद सुमनी मायके गई और आने से मना कर दिया। 2 साल बाद बीरबल ने बारसूर चालकी पारा की प्रतिभा को साथ रहने के लिए राजी कर लिया। कुछ समय बाद दोनों शादी की तैयारी करने लगे। तभी सुमनी लौट आई और बीरबल के साथ रहने की इच्छा जताई। मामला थाने पहुंचा। यहां युवतियों ने एक ही पति को अपनाने की रजामंदी दी। समाज के प्रमुख भी तैयार हो गए। बीरबल के पिता चन्नी राम कहते हैं कि घर में सुख शांति रहे, इससे अच्छा क्या हो सकता है।