रायपुर : …एक बेटी ने जब बेटा बनकर मां की अर्थी को कंधा दिया….मुखाग्नि देकर बेटी होकर भई बेटे का फर्ज निभाया…तो हर किसी की आंखे नम हो गयी। बदलते समाज का ये आईना राजधानी रायपुर का है। जहां एक बेटी ने अपनी मां के अंतिम संस्कार की हर रश्मों को उसी तरह से पूरा किया, जो एक बेटा करता है। रायपुर निवासी कुंती परगनिहा की मौत हो गई। जिनका अंतिम संस्कार दलदल सिवनी रायपुर में किया गया। कुंती परगनिहा की तीन संतान है तीनों बेटियां है, जिनमें से दो बड़ी बेटी पूजा और अर्चना वर्मा की शादी हो चुकी है। उनकी तीसरी बेटी कुमारी नेहा परगनिहा अपनी मां के साथ रहकर उसकी देख रेख किया करती थी। पिता बीजापुर में अपर कलेक्टर रह चुके है। नौ माह पहले ही चन्द्रशेखर परगनिहा अपने पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
वहीँ माँ कुंती परगनिहा शंकर नगर स्थित अवंतीबाई सरकारी स्कूल में हेड मास्टर के पद पर पदस्थ थी। कुंती की पिछले कुछ सालों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था जिसके चलते उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले ली थी। तब से कुंती का इलाज चल रहा था। जिसके बाद उनकी मौत हो गयी। मौत के बाद मां की अंतिम इक्छा को पूरी करते हुये घर की छोटी बेटी नेहा परगनिहा ने मां के शव को घर से श्मसान घाट तक बेटे की तरह कंधा दिया और मुखाग्नि देकर बेटी होते हुये भी बेटा होने का फर्ज अदा किया।
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