नई दिल्ली : दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के साथ ही विधानसभा चुनाव में 22 वर्ष से सत्ता का सूखा खत्म करने का सपना देख रही भाजपा संगठन में मौजूद दूसरी पार्टियों के जासूसों को ठिकाने लगाना चाहती है।
नेताओं को इन कथित बाहरी लोगों से दूर रहने की नसीहत भी दी गई है, ताकि पार्टी के सियासी फैसलों और योजनाओं की जानकारी बाहर न जा सके। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े नेताओं की मानें तो दिल्ली के सातों सांसदों और प्रदेश संगठन के बड़े नेताओं को इस बारे में स्पष्ट निर्देश मिल चुके हैं।
पार्टी हाईकमान का मानना है कि कुछ महीनों में पार्टी में आने और जाने वाले नेताओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें फिलहाल चुनावों से जुड़ी महत्वपूर्ण बैठकों से बाहर रखने का प्रयास है।
पार्टी दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से योजना बनाने में जुट गई है। निगम की कंगाली को जन-जन तक पहुंचाना, अनाधिकृत कॉलोनी, यमुना का विकास और जल संकट जैसे मुद्दों पर दूसरी पार्टियों को घेरने के लिए प्रवक्ताओं और सभी नेताओं से कहा गया है।
माना जा रहा है कि भले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नंबर दो रही है, लेकिन भाजपा का सीधा रण उन 67 विधानसभा क्षेत्रों में है, जहां से आप जीती थी। जानकारों की मानें तो जल्द ही आप के कुछ और विधायक भाजपा के पाले में आ सकते हैं।