रायपुर : शराब को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। दुकान खोलने का वक्त दो घंटे बढ़ाने, कुछ दिन पहले शराब दुकानों में काउंटर बढ़ाने और शराबबंदी को लेकर कदम नहीं उठाने को लेकर जनता कांग्रेस जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा की खूब खिचाई की है। आज इस मामले में अमित जोगी ने दो अलग-अलग ट्वीट पोस्ट किए हैं।
पाँच महीने म भूपेश #दारू_बंदी के अपन वादा ल कईसन निभाईस?
पहिले महीने म दरुआ ल #दारू_मंत्री बनाइस
दूसर महीने म #दारू_के_दाम बड़ाइस
तीसर महीने म #दारू_के_ब्राण्ड बड़ाइस
चौथे महीने म #दारू_दुकान_म_काउंटर ल बड़ाइस
पाँचवे महीने म #दारू_दुकान_के_टेम ल बड़ाइस— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) May 29, 2019
हालांकि आबकारी मंत्री दरुआ मंत्री कहे जाने को लेकर कई जगहों पर तीखी आलोचना होने लगी, जिसके बाद अमित जोगी ने देर शाम एक फेसबुक पोस्ट जारी कर दरुआ मंत्री कहे जाने को लेकर अपनी सफाई दी है। अमित जोगी ने कवासी लखमा से अपने पुराने रिश्ते की दुहाई देते हुए लिखा है कि…
कवासी लखमा जी का मैं भी बहुत सम्मान करता हूँ। बस्तर में रेल सेवा, नक्सलवाद, सलवा जुडुम और पोलावरम का विरोध जैसे अनेकों मुद्दों को लेकर हम दोनों ने- कई बार तो पार्टी लाइन से हटकर- सरकार के ख़िलाफ़ कई आंदोलन भी करे हैं। मंत्री उन्हें अवश्य बनना था किंतु जो विभाग उन्हें मुख्यमंत्री जी ने दिया है- जिसका उन्ही की पार्टी के जनघोषणा पत्र के अनुसार सर्वोपरि उद्देश प्रदेश में शराबबंदी लागू करना है- उनके स्वभाव के बिलकुल अनुकूल नहीं है। वे बहुत साफ़ दिल के हैं और उन्होंने कभी भी शराब के सेवन से सार्वजनिक तौर पर परहेज़ भी नहीं किया है। (तस्वीर देखें) जहाँ तक अनुसूचित वर्गों और क्षेत्रों में शराब बंदी लागू करने की बात है, तो इसका निर्णय वहाँ की ग्राम सभा पर छोड़ देना चाहिए किंतु अभी तक इस सम्बंध में सरकार ने एक भी ग्राम सभा नहीं बुलाई गई है। रही मंत्री जी के सम्मान की बात तो ये बात भूपेश जी और ख़ासकर महंत जी को अवश्य स्मरण रहनी चाहिए: जब उन्होंने TV कैमरे से सामने उन्हें थप्पड़ मारा था, उस समय उनका किसने साथ दिया था, ये भी मंत्री जी से पूछ लें। मैं हमेशा मानता हूँ कि राजनीति कभी रिश्तों से बड़ी नहीं हो सकती।