नई दिल्ली : हाईकोर्ट ने सोमवार को देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस अजून जे. भंभानी की पीठ ने एनजीओ एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया की जनहित याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि ‘सब कुछ सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप वहीं (सुप्रीम कोर्ट) याचिका दाखिल करें।’ पीठ ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 20 अप्रैल के आदेश का भी हवाला दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को कहा था कि ‘हम इस समय किसी न्यायिक आदेश को पारित नहीं कर रहे हैं और इस मामले को मीडिया की बुद्धिमता पर छोड़ते हैं। मीडिया तय करे कि क्या खबर प्रकाशित किया जाना चाहिए या नहीं, क्योंकि निराधार आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाते हैं।
देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के ही एक पूर्व जूनियर महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाया है।