भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के सागर की एक मछली समुंद्र सिंह
रायपुर : आबकारी आयुक्त समुन्द्र सिंह के ठिकानों से बरामद की गई करोड़ो की सम्पत्ति से एक बार फिर यह साबित हो गया कि पूर्ववर्ती रमन सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियो की पोषक थी। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि समुन्द्र सिंह ने तत्कालीन सत्ताधीशो के संरक्षण में काली कमाई कर करोड़ो की सम्पत्ति बनाई थी। यही कारण था कि समुन्द्र सिंह वर्षो तक बेखौफ होकर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करता रहा उसके ऊपर कोई कार्यवाही नही की गई। भाजपा बताएं सरकार की नाक के नीचे एक अधिकारी इतनी लूट खसोट करता रहा उसके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यो नही की गई थी? रिटायरमेंट के बाद उसे संविदा पर किस आधार पर नियुक्ति दी गयी थी ? समुन्द्र सिंह एक अकेला अपवाद नही है, पन्द्रह साल के भाजपा के राज में दर्जनों समुन्द्र सिंह थे जिन्होंने सत्ताशीर्ष के संरक्षण में राज्य की सम्पदा को विदेशी लुटेरों के समान बेदर्दी से लूटा था। डीकेएस अस्पताल में रमनसिंह के दामाद पुनीत गुप्ता ने करोड़ो का घोटाला कर दिया। चिप्स में संविदा अधिकारी ने 4600 करोड़ से अधिक का ई-टेंडर घोटाला कर दिया था। जिस कम्प्यूटर से निविदा निकाला गया उसी कम्पूयटर के जरिये निविदाएं भी भरी गयी थी। घपले के इस बड़े खेल में भी सरकार में बैठे बड़े लोगो की मिलीभगत थी। 36000 करोड़ का महा नान घोटाला भी भाजपाई हुक्मरानों ने किया था। नान डायरी में बड़े-बड़े लोगो के नाम से लेन देन का जिक्र है। सीएम मैडम, एच सीएम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसे नामों के खुलासे का प्रदेश की जनता बेशब्री से इंतजार कर रही है। जनसंपर्क विभाग जिसके मुखिया स्वयं रमन सिंह थे। भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। जन संपर्क विभाग में स्वीकृत बजट से दुगुनी राशि खर्च कर सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया गया। पूरे देश में भाजपा की रमन सरकार एक अकेली ऐसी सरकार थी जिसके बारे में टिप्पणी करते हुये लोक आयोग ने कहा था ‘‘पूरी राज्य सरकार भ्रष्टाचार का एक गंदा तालाब बन चुकी है, जिसमें हर मछली में अधिक से अधिक पानी पीने की होड़ मची है।’’ भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के सागर में समुन्द्र सिंह तो एक मछली था। समुंद्र सिंह जैसी अनेकों मछलियां अभी बेनकाब होना बाकी है।