रायपुर : छत्तीसगढ़ से सरगुजा सांसद रेणुका सिंह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने संबंधी तमाम कयासों पर विराम लग चुका है। प्रदेश से सरगुज सांसद रेणुका सिंह को पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में स्थान दिया है। इस संबंध में रेणुका सिंह को फोन पर पीएमओ से बुलावा आ चुका है। वे आज शाम को दिल्ली में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लेंगी।
ये खबर मिलते ही रेणुका सिंह को बधाईयों का दौर जारी हो गया। भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव और श्रीचंद सुंदरानी ने रेणुका सिंह को गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी है। पहले ही इस बात की अटकलें थी कि छत्तीसगढ़ से एक मंत्री बनाया जा सकता है। इसमें राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और सरोज पांडेय के नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए छत्तीसगढ़ की जनता को एक अलग मैसेज दिया है।
सरगुजा को साधने की कोशिश
प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद सरगुज संभाग से मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने की आवाज उठाई गई थी। हालांकि गृहमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों चेहरे दुर्ग संभाग से चुने गए थे। शाह में सरगुज से रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल कर तीन मैसेज दिए हैं। पहला केवल नए चेहरों को चुनाव लड़ने का ही मौका नहीं दिया गया बल्कि उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जा रहा है। दूसरा मैसेज से है कि प्रदेश से महिला को कैबिनेट में शामिल होने का मौका दिया गया है। तीसरा और सबसे खास मैसेज सरगुजा के लोगों के लिए है कि इनका ध्यान कांग्रेस पार्टी भले ही न रखे, लेकिन भाजपा ने इस बात का पूरा ख्याल किया है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा का हो गया था क्लीन स्वीप
प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सरगुजा की 8 विधानसभा सीटों से भाजपा बिल्कुल साफ हो गई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव में यहां की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया और रेणुका सिंह को मौका दिया। इसके बाद भाजपा ने सरगुजा की जनता को इसका रिवर्ट रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल कर तुरंत दे दिया। साथ ही अगले विधानसभा चुनाव की खातिर अपने लिए जमीन भी तैयार कर ली।
55 वर्षीय रेणुका सिंह सरुता 12वीं पास हैं। इनके पास 2.76 करोड़ की संपत्ति है। ये तेज तर्रार छवि वाली आदिवासी नेत्री मानी जाती हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं। 2000-03 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में भाजपा रामानुजनगर मंडल की पहली महिला अध्यक्ष थीं। जनपद सदस्य निर्वाचित होने के साथ ही समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं। 2003 और 2008 में प्रेमनगर विधानसभा से विधायक चुनी गईं। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री रह चुकी हैं। वहीं रमन सिंह सरकार में महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री रहीं। इसके बाद उन्हें सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण की उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया।