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ISIS ने ली श्रीलंका आतंकी हमले की जिम्मेदारी,मरने वालों की संख्या बढ़कर 321

नई दिल्ली : इस्लामिक स्टेट ने श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए भयानक आत्मघाती हमलों की मंगलवार को जिम्मेदारी ली। इन हमलों में 321 लोगों की मौत हो गयी और 500 से अधिक लोग घायल हो गये थे। इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ने अपनी प्रचार संवाद समिति ‘अमाक के मार्फत एक बयान में कहा, ”परसों श्रीलंका में अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्यों और ईसाइयों को निशाना बना कर जिन लोगों ने हमला किया, वे इस्लामिक स्टेट समूह के लड़ाके हैं।”

इस बयान में हमलावरों की पहचान अबु उबायदा, अबु अल मुख्तार, अबु खलील, अबु हम्जा, अबु अल बारा, अबु मुहम्मद और अबु अब्दुल्लाह के रूप में की गयी है। बयान में यह भी बताया गया है कि किसने कहां हमला किया। बयान में यह भी दावा किया है कि इन धमाकों में करीब 1000 लोग या तो मारे गये हैं या घायल हुए हैं।

साइट इंटेलीजेंस ग्रुप की निदेशक रीता कात्ज ने ट्वीट किया, ”आईएसआईएस के संदेश में दिया गया ब्योरा (हमलावरों के नाम, उनमें किसने ने कहां हमला किया) दर्शाता है कि इस हमले में इस संगठन का हाथ है, लेकिन कहां तक उसका हाथ था, यह अभी देखना है। जिम्मेदारी लेने में देरी से भी कई अनुत्तरित सवाल खड़े होते हैं।”

मीडिया रपटों के अनुसार, समूह ने अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई भी सबूत नहीं दिया है। इससे पहले संगठन से जुड़े समूह ने सोशल मीडिया पर एक अपुष्ट वीडियो पोस्ट की थी, जिससे स्पष्ट तौर पर पता चल रहा था कि ईस्टर हमले के पीछे आईएस का हाथ है। वीडियो में कथित आत्मघाती हमलावारों में से तीन की तस्वीर दिखाई गई थी।

ऑस्ट्रेलिया के न्यूजडॉटकॉम के अनुसार, हमलों में मारे गए आतंकवादी जिनके लिए यह संगठन प्राय: ‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल करता है, उन्हें ‘आक्रमणकारी’ बताया गया है और उनके नाम अबुल बारार्, अबुल मुख्तार और अबु उबएदा बताए हैं। ये लोग काले रंग के आईएस झंडे के आगे खड़े हैं और एक ऊंगली से सैल्यूट मार रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई जिनमें 38 विदेशी शामिल हैं। श्रीलंका में हुए सबसे घातक हमले में 10 भारतीयों की भी मौत हुई है। ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार रविवार (21 अप्रैल) को सुबह साढ़े आठ बजे ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए थे। वहीं अन्य तीन विस्फोट पांच सितारा होटलों – शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए।

श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों और आलीशान होटलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और आठ सिलसिलेवार शक्तिशाली धमाके किये गये थे। धमाकों ने लिट्टे के साथ गृहयुद्ध के खात्मे के बाद से द्वीपीय देश में एक दशक से जारी शांति को छिन्न-भिन्न कर दिया है। रविवार के हमले के बाद द्वीपीय देश में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया था। इन हमलों के सिलसिले में एक ड्राइवर समेत 40 संदिग्ध गिरफ्तार किये गये हैं। इसी ड्राइवर की गाड़ी का आत्मघाती बम हमलावरों ने कथित रूप से इस्तेमाल किया था।

नेशनल तौहीद जमात पर जताया जा रहा शक
इस आतंकवादी घटना के पीछे नेशनल तौहीद जमात नाम के स्थानीय संगठन का हाथ बताया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री एवं सरकारी प्रवक्ता रजीत सेनारत्ने ने कहा था कि विस्फोट में शामिल सभी आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई नागरिक मालूम हो रहे हैं। उन्होंने कहा था कि कट्टर मुस्लिम समूह -नेशनल तौहीद जमात नाम के स्थानीय संगठन को इन घातक विस्फोटों को अंजाम देने के पीछे माना जा रहा है। उन्होंने इस घटना के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े होने की संभावना जताई है।

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