नई दिल्ली: 2019 के चुनावी महासंग्राम में मध्य प्रदेश की सियासत का रुख बदला हुआ है. लगातार विवादों में रहने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग का बैन खत्म हो गया है. लेकिन साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर मुश्किलों में घिर सकती है. कलेक्टर ने बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को एक और नोटिस भेजा है. कलेक्टर ने कांग्रेस शिकायत के बाद यह नोटिस दिया है.कांग्रेस ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर आरोप लगाए थे कि प्रतिबंध के बावजूद वो मंदिर-मंदिर घूमी और भजन कीर्तन कर प्रचार किया. जिसके खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी. इस पर साध्वी प्रज्ञा से कलेक्टर ने 2 दिन के भीतर जवाब मांगा है. साथ ही वीडियो फुटेज और फोटो उपलब्ध कराने के लिए कहा है.बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर दिए विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगाया था. इस बैन के बाद तीन दिन तक साध्वी प्रज्ञा ने मंदिर-मंदिर जाकर पूजा अर्चना की. उन्होंने लोगों के बीच भजन मंडली के साथ बैठकर खूब झांझ मंजीरा बजाए. हालांकि निर्वाचन आयोग के बैन के मद्देनजर प्रज्ञा ने यहां किसी तरह की बातचीत नहीं की. लेकिन मंदिर में प्रज्ञा को देखने के लिए भीड़ का तांता लगा रहा.गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में हिंदुत्व की कठोर छवि वाली साध्वी प्रज्ञा की आने से कई सियासी समीकरण बदल गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा को प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट भोपाल से चुनावी मैदान में उतारा है. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है. राजनीति में नई होने से उनकी पूरी चुनावी जिम्मेदारी बीजेपी संभाल रही है, जिसमें असली ताकत संघ की है.
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