
नई दिल्ली . राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की आगामी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन. चन्द्रबाबू नायडू के बेटे ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। टीडीपी नेता और चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने आज कहा कि मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा और यह कोई तुष्टिकरण की राजनीति के लिए नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पार्टी का ध्यान आंध्र प्रदेश में रोजगार सृजन और वंचितों के उत्थान पर रहेगा। पार्टी ने आंध्र प्रदेश में 16 लोकसभा सीटें जीतीं है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनाव जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनडीटीवी के साथ बातचीत में नारा लोकेश ने कहा कि वे राज्य में मुसलमानों को दिया जाने वाला आरक्षण जारी रखेंगे। यह एक ऐसी नीति है जिसका उनके गठबंधन सहयोगी भाजपा ने चुनाव के दौरान खुलकर कड़ा विरोध किया था। लोकेश ने कहा, “यह (मुसलमानों के लिए आरक्षण) पिछले 2 दशकों से चल रहा है और हम इसके साथ खड़े हैं। हम इसे जारी रखने का इरादा रखते हैं।”
41 वर्षीय नेता TDP नेता ने कहा कि आरक्षण तुष्टीकरण के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए है, क्योंकि राज्य में अल्पसंख्यकों की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है। उन्होंने कहा, “यह सच है कि अल्पसंख्यकों को लगातार कष्ट झेलना पड़ रहा है और उनकी प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है। सरकार के तौर पर, उन्हें गरीबी से बाहर निकालना मेरी जिम्मेदारी है। इसलिए मैं जो भी निर्णय लेता हूं, वह तुष्टीकरण के लिए नहीं, बल्कि उन्हें गरीबी से बाहर निकालने के लिए होता है।”
नारा लोकेश ने आगे कहा, “अगर आप हमारे देश को एक विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते। हमें इसे एक साथ मिलकर करना चाहिए और ऐसा करने का एक शानदार अवसर है। सभी को साथ लेकर चलना टीडीपी की पहचान रही है।” नारा लोकेश ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई। चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद नारा लोकेश ने ही टीडीपी की कमान संभाली थी और जनता तक पहुंचने के लिए 4,000 किलोमीटर की पदयात्रा भी की।
चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बारे में बोलते हुए टीडीपी नेता ने कहा कि यह बदले की राजनीति है और उनके पिता को गलत तरीके से 52 दिनों तक जेल में रखा गया। उन्होंने कहा, “हम बदले की राजनीति के शिकार हैं। कानून का शासन सभी के लिए समान रूप से लागू होना चाहिए। भारत में बदले की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है।”
