नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से करोड़ों रुपये के हुए उड्डयन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
श्री पटेल ईडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर पहुंचे तथा धन शोधन निवारण कानून के तहत अपने बयान दर्ज कराये।
एविएशन घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग के मामले में पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की मुश्किलें बढ़ने लगीं हैं. ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया था, सोमवार को वो ईडी के मुख्यालय पूछताछ के लिए पहुंचे और उनसे पूरे दिन पूछताछ चलती रही. सोमवार सुबह करीब 11 बजे पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल खान मार्किट में प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय अपने वकील के साथ पहुंचे, जहां उनसे मनी लॉड्रिंग के मामले में पूरे दिन पूछताछ चलती रही और उनका बयान दर्ज किया गया. ईडी ने दीपक तलवार के खिलाफ जो चार्जशीट पेश की थी उसमें कहा गया था कि दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल का काफी करीबी है और प्रफुल्ल के जरिये ही उसने एयर इंडिया के जो मुनाफे वाले रूट थे वो प्राइवेट एयरलाइन्स को दिलवाने में मदद की जिससे एयर इंडिया को काफी घाटा हुआ. बदले में तलवार को मोटा कमीशन मिला.
ईडी का दावा है कि उनके पास ऐसे कई ई-मेल हैं जो उस समय के उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल और दीपक तलवार के बीच हुए हैं. ईडी के मुताबिक विदेशी एयरलाइन्स और एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए पॉलिसी में बदलाव किया गया. 43 एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए एयरबस के असली प्लान में बदलाव किया गया. एयरबस ने इसके लिए 1000 करोड़ में मेंटिनेंस सर्विस सेंटर बनाने के लिए पेशकश की. लेकिन जांच में पता चला कि दीपक तलवार ने अपनी कंपनी बनाकर एयरबस से पार्टनरशिप की. एयरबस ने इसके लिए 10.5 मिलियन डॉलर तलवार की कंपनी में ट्रांसफर किये. अप्रैल 2008 से फरवरी 2009 के बीच दीपक तलवार की कंपनियों में तीन विदेशी एयरलाइन्स ने 60.54 मिलियन डॉलर का भुगतान किया.
2017 में आयकर विभाग की जांच के बाद सीबीआई ने दीपक तलवार और उसके एनजीओ एडवांटेज इंडिया के खिलाफ केस दर्ज किया था. सीबीआई ने दावा किया था कि तलवार के एनजीओ में जो 90 करोड़ से ज्यादा का विदेशी फंड आया है, वो अलग-अलग कंपनियों ने कमीशन के तौर पर दिया है. प्रफुल्ल पटेल 2004 से 2011 के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री थे, उस समय ये घोटाला हुआ. प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि वो ईडी को जांच में सहयोग करेंगे और उड्डयन क्षेत्र की जटिलताओं के बारे में जांच एजेंसी को बताएंगे. अब देखना है ईडी उनकी दलीलों को मानती है या वो ईडी के सवालों में उलझते हैं.