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नाम से क्यों हटा लिया था ‘मार्लेना’, दिल्ली की CM आतिशी ने खुद बताई वजह

नई दिल्ली. दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी के नाम को लेकर पिछले कुछ सालों में कई बार विवाद हो चुका है। कभी उनका नाम आतिशी मार्लेना, कभी आतिशी सिंह और कभी सिर्फ आतिशी बताया जाता रहा है। अब मुख्यमंत्री आतिशी ने खुद इसको लेकर जवाब दिया है और कहा कि उन्होंने दो बार अपना नाम बदला। एक टीवी इंटरव्यू में आतिशी ने बताया कि क्यों उन्होंने अपने नाम से मार्लेना हटा लिया। हालांकि, कालकाजी सीट से एक बार फिर नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने अपना पूरा नाम ‘आतिशी मार्लेना’ ही लिखा है।

टीवी9 को दिए एक इंटरव्यू आतिशी से पूछा गया कि उन्होंने अपने नाम से मार्लेना उपनाम क्यों हटा लिया जो ‘मार्क्स और लेनिन’ को जोड़कर बनाया गया था? इस पर सीएम ने कहा, ‘मैंने अपना दो बार नाम बदला, वास्तव में मेरा सरनेम सिंह है। मैंने जीवन के शुरुआती दौर में, क्योंकि मुझे लगता था कि हमारे देश में जाति की पहचान बहुत बड़ी चीज है, लोग एक दूसरे जाति पूछते हैं एक जाति से हैं तो अच्छा माना जाता है आप छोटी जाति से हैं तो अच्छा नहीं मानते, इसलिए मैंने बहुत साल पहले अपने नाम से ‘सिंह’ हटाया था। मार्लेना मेरा दूसरा नाम था।’

आतिशी ने कहा कि विवादों की वजह से उन्होंने अपने नाम से मार्लेना हटा लिया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं राजनीति में आई तो वह नाम ही इतना बड़ा विवाद बन गया, मेरे नाम पर ज्यादा बात होती थी, काम पर कम। इतने सालों बाद आप भी मेरे नाम पर बात कर रहे हैं। हमें इस राजनीति से ऊपर उठकर काम की राजनीति पर ज्यादा बात करने की जरूरत है। यदि आप आतिशी के सामने बैठे हैं, मैं दिल्ली की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री हूं, जो एक सामान्य मिडिल क्लास परिवार से इस कुर्सी तक पहुंची। मुझे लगता है कि मेरे नाम से ज्यादा मेरे काम की चर्चा होनी चाहिए।’ 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले आतिशी ने अपने नाम से मार्लेना हटा दिया था। तब भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि आतिशी ने राजनीति में जाति का फायदा लेने के लिए नाम बदला है।

यह पूछे जाने पर कि आपके पिता ने आपका नाम मार्लेना रखा था, क्या इसे बदलने पर उनकी सहमति थी? आतिशी ने इशारों में बताया कि उन्होंने परिवार के सहमति के बिना ऐसा किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यहां इतने युवा बैठे हैं, आप ही बताइए युवाओं के कौन से ऐक्शन से उनके माता-पिता की सहमति होती है। क्यों युवा क्रांतिकारी होते हैं, क्यों युवा अलग प्रकार के कदम उठाते हैं। इसलिए कि उनकी पिछली पीढ़ी ने जो किया था, सोचा था वह उससे अलग करना चाहते हैं। दुनिया में जो भी बड़े बदलाव हुए वो युवाओं ने किए क्योंकि वह पिछली पीढ़ी से कुछ अलग करना चाहते हैं।’

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