
नई दिल्ली : कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने अब राजनीति में आने के संकेत देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। ईडी की पूछताछ का सामना कर रहे वाड्रा ने गुरुवार, 17 अप्रैल को मीडिया से बातचीत में कहा, “अगर लोग चाहेंगे, तो मैं राजनीति में जरूर आऊंगा और कांग्रेस पार्टी के लिए पूरी मेहनत करूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे यह फैसला अपने परिवार के आशीर्वाद के साथ ही लेंगे।
बता दें, रॉबर्ट वाड्रा इन दिनों ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। यह जांच हरियाणा के शिकोहपुर में हुए 2008 के एक जमीन सौदे से जुड़ी है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने कथित तौर पर ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इस सौदे में सिर्फ कुछ घंटों में दाखिल-खारिज ने जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा और 2018 में हरियाणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। ईडी इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कर रही है।
गुरुवार, 17 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा लगातार तीसरे दिन दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके साथ नजर आईं। इससे पहले बीते दिन मंगलवार को वाड्रा पैदल ही अपने आवास से ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जिसे राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
वाड्रा ने जांच को लेकर कहा, “यह सब राजनीतिक प्रतिशोध है। जब भी हम अल्पसंख्यकों या सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, हमें इस तरह के हथकंडों से दबाने की कोशिश की जाती है। यह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि वह हमेशा की तरह जांच में पूरा सहयोग करते रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वाड्रा के राजनीति में आने की बात पहली बार इतनी स्पष्ट रूप से सामने आई है। उनके बयान ने संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में वे कांग्रेस में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। चर्चा है कि वे आगामी लोकसभा या विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के तौर पर भी उतर सकते हैं।
सियासत की पिच पर वाड्रा की संभावित एंट्री कांग्रेस के लिए न सिर्फ एक नया चेहरा पेश करेगी, बल्कि प्रियंका गांधी के साथ एक मजबूत सियासी जोड़ी के रूप में भी देखी जा सकती है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जनता, पार्टी और परिवार—इन तीनों की हरी झंडी मिलने पर वाड्रा कब औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखते हैं।
