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बिहार की राजनीति में अबिहार की राजनीति में अकेले पड़े पारस

 बिहार की राजनीति में रालोजपा नेता पशुपति कुमार पारस पूरी तरह से अलग थलग पड़ गये हैं. पिछले दिनों उन्होंने विधिवत रूप से एनडीए से अलग होने की घोषणा की. अब महागठबंधन की बैठक में भी रालोजपा को न्योता नहीं मिला है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन के सभी छह घटक दलों की पहली औपचारिक बैठक गुरुवार को होने जा रही. इस बैठक में छह राजनीतिक दलों को न्योता भेजा गया है. जानकारी के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा को अभी तक बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण नहीं दिया गया है. इस संबंध में रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि अभी उनकी पार्टी एनडीए से अलग हुई है, महागठबंधन में शामिल नहीं है.
इन दलों की होगी भागीदारी

पटना में हो रही बैठक में महागठबंधन के घटक दलों के नेता राज्य में अगली सरकार बनाने को लेकर रणनीति तय करेंगे. प्रदेश राजद कार्यालय में यह बैठक एक बजे दिन में शुरू होगी. बैठक में राजद की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सांसद प्रो. मनोज झा, सांसद संजय यादव शामिल होंगे. कांग्रेस की ओर से पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम शामिल होंगे. वाम दलों में भाकपा माले, भाकपा एवं माकपा के राज्य सचिव मंडल के प्रमुख नेता शामिल होंगे. बैठक में वीआईपी के मुकेश सहनी, राष्ट्रीय प्रवक्ता देवज्योति भी मौजूद रहेंगे. सूत्रों के अनुसार बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर सहमति बनने की संभावना है.

तय होंगे विधानसभा चुनाव के एजेंडे

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सभी दल अपने-अपने विचार रखेंगे. इसमें एनडीए को हराने को लेकर सामूहिक कार्यक्रम तय करने का संकल्प लिया जाएगा. इसी क्रम में चुनावी रणनीति तय की जाएगी. महागठबंधन सूत्रों के अनुसार, वक्फ कानून को लेकर सामूहिक राजनीतिक कार्यक्रम तय किया जा सकता है. वहीं, राज्य में 65 प्रतिशत आरक्षण को लागू किए जाने को लेकर भी जनता के बीच महागठबंधन के जाने को लेकर सहमति जतायी जाएगी. इस बैठक में आगे की बैठकों का एजेंडा व कार्यक्रम भी तय किया जाएगा.

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