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शहीद पर विवादित ब्यान….IPS असोसिएशन ने की निंदा … BJP के पल्ला झाड़ने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मांगी माफी

नई दिल्ली : शहीद पर अपमानजनक टिप्पणी कर चौतरफा घिरीं भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आखिरकार माफी मांग ली है। बीजेपी द्वारा उनके बयान से दूरी बनाने के बाद शुक्रवार शाम में साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘मैंने महसूस किया कि देश के दुश्मनों को इससे (मुंबई ATS के पूर्व चीफ हेमंत करकरे पर दिए बयान) फायदा हो रहा था, ऐसे में मैं अपने बयान को वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं, यह मेरी निजी पीड़ा थी।

पुराने बयान से पलटते हुए साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा, ‘वह (हेमंत करकरे) दुश्मन देश से आए आतंकियों की गोली से मरे। वह निश्चित रूप से शहीद हैं।’ इससे कुछ घंटे पहले बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान से दूरी बना ली थी। राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। बीजेपी ने हमेशा ने उन्हें शहीद माना है।

इसके साथ ही बीजेपी के बयान में आगे कहा गया, ‘जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ में दिए बयान का विषय है तो वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा।’ माना जा रहा है कि बीजेपी के इस बयान के सामने आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर माफी मांगने का दबाव बढ़ गया था।

साध्वी प्रजा ने आतंकी हमले में शहीद हुए मुंबई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘मैंने उनको सर्वनाश होने का श्राप दिया था।’ आपको बता दें कि प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं। इस मामले की जांच करकरे के नेतृत्व में हुई थी। 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे। उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कुछ अन्य अधिकारी शहीद हो गए थे।

प्रज्ञा ने गुरुवार को लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में दिवंगत मुंबई एटीएस प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, ‘मैं उस समय मुंबई जेल में थी। जो जांच बैठाई गई थी… सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा था कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वह व्यक्ति (करकरे) कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर आऊंगा। कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।’

साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी मेरे लिए। मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।’ प्रज्ञा ने कहा, ‘यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था। तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा… मुझे क्या पता भगवान जाने। तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा कि बिल्कुल। अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए। आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा।’

भोपाल लोकसभा चुनाव में साध्वी के प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए शहीदों के बारे में उन्हें विवादित बयान नहीं देने की सलाह दी। वहीं, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस असोसिएशन ने साध्वी के बयान की निंदा की है।

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने साध्वी के बयान को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी ने 26/11 के शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही घोषित करने का माफ न करने लायक जुर्म किया है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी का देशद्रोही चेहरा आज उजागर हो गया है। मुंबई हमले में पाक आतंकियों से लड़ते-लड़ते देश के जिस जांबाज हेमंत करकरे ने अपनी कुर्बानी दे डाली उन्हें ही मोदी जी की चहेती बीजेपी की भोपाल से प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने आज देशद्रोही करार दे डाला।’ कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर मांग की, ‘मोदी जी, देश से माफी मांगिए। 26/11 मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक के शहीदों के प्रति अगर जरा सा भी सम्मान है तो प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही कीजिए।’

source by nbt

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