
: गोंडा रेल हादसे में वायरल ऑडियो से बड़ा खुलासा हुआ है। वायरल ऑडियो में कीमैन कहता रहा पटरी गड़बड़ है, डेंजर है काशन की जरूरत है लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद बड़ा हादसा हो गया। उधर, इस रेल हादसे के बाद सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सीआरएस की टीम अफसरों के साथ मौके पर भी पहुंचेगी और वहां से साक्ष्य जुटाएगी। ट्रैक (रेल लाइन) से लेकर ट्रैक्शन तक सबकी पड़ताल होगी। कब, क्यों और कैसे ये हादसा हुआ इन सभी बिन्दुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपेगी। दरअसल गुरुवार को डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के गोण्डा में पटरी से उतर जाने के बाद चार यात्रियों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
यूपी के गोंडा में गुरुवार दोपहर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के ट्रैक में खामी के कारण दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है। एक दिन पहले ट्रैक पर काम चलने के कारण यात्री ट्रेनों को 15-20 किलोमीटर प्रति घंटा की धीमी रफ्तार पर चलाया गया। इसके अगले दिन उसी स्थान पर ट्रेन हादसे का शिकार हो गई।
रेलवे के दस्तावेज के अनुसार गोंडा-मनकापुर सेक्शन पर ट्रैक ठीक करने के लिए 17 जुलाई, 2024 सतर्कता आदेश जारी किया गया था। इसके तहत ही ट्रेनों को धीमी रफ्तार से वहां से गुजारा गया। इसी सेक्शन पर 27 अगस्त, 2023 व 10 जून, 2022 को सतर्कता आदेश जारी कर ट्रेनों को 15 किमी प्रति घंटे की प्रतिबंधित रफ्तार पर चलाया गया था। रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग ट्रैक को बदलने-मरम्मत करने के लिए उक्त आदेश जारी करते हैं। गुरुवार को किसी प्रकार का सर्तकता आदेश न जारी होने के कारण चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस अपनी अधिकतम रफ्तार पर दौड़ते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
विशेषज्ञों के अनुसार ट्रेन के बेपटरी होने के दो ही कारण होते हैं। इनमें ट्रैक की खामी या इंजन-कोच के पहियों में गड़बड़ी प्रमुख हैं। पिछले तीन वर्षों से उक्त सेक्शन में निरंतर ट्रैक का काम किया जा रहा है। इसलिए हादसे का कारण ट्रैक में गड़बड़ी को माना जा रहा है। हालांकि, इसका असली कारण रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच के बाद ही पता चलेगा।
