संगीतकार व प्रख्यात कलाकार खुमान साव के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने किया गहरा दुःख व्यक्त
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि, संगीत नाटक अकादमी सम्मान से विभूषित खुमान साव के दम पर चंदैनी गोंदा ने चारों और यश का डंका बजाया। छत्तीसगढ़ के बिखरे और अव्यवस्थित गीत-संगीत को सुनने योग्य प्रयासरत रहे, जिससे उनकी भी संगीत जगत में राष्ट्रीय पहचान बन सके, इस उद्देश्य के साथ लगभग 500 छत्तीसगढ़ी लोक गीतों की रचना की। चंदैनी-गोंदा लोक सांस्कृतिक दल के माध्यम से 07.11.1970 से लगातार आज तक सम्पूर्ण भारत में 5000 से भी अधिक मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत जन-जन में रची-बसी छतीसगढ़ की सर्वप्रथम लोक सांस्कृतिक संस्था होने का गौरव सम्प्रति 50 लोक कलाकारों के दल का संचालन भी कर चुके है। डॉ महंत ने कहा की खुमान साव छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की सबसे बड़ी पहचान हैं। संम्पन्न परिवार में जन्मे खुमान साव को संगीत से उत्कट प्रेम था और वे किशोरवस्था में ही छत्तीसगढ़ी नाचा के पुरोधा दाऊ मंदराजी की रवेली नाचा पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने बाद में राजनांदगांव में आर्केस्ट्रा की शुरुआत की और कई संगीत समितियों की स्थापना की थी। खुमान साव को छत्तीसगढ़ी लोक संगीत के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि खुमान अंतिम समय तक अपनी सर्जना में सक्रिय रहे थे।
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