माता-पिता के विवाद में गई जान…मासूम का पोस्टमार्टम, डॉक्टरों के भी हाथ कांपे
रायपुर । डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के अंतर्गत फॉरेंसिक साइंस विभाग के डॉक्टर्स रोजाना 12-14 पोस्टमार्टम (पीएम) करते हैं। मुर्दों के बीच रहना इनकी दिनचर्चा का हिस्सा बन गया है, इसलिए यह काम दुनिया के सबसे जटिल कामों में से एक माना जाता है। मगर इन डॉक्टर्स/स्टाफ के सीने में भी दिल होता है। इनकी भी अपनी भावनाएं होती हैं, संवेदनाएं होती हैं।
20 मई, 2019 को अस्पताल के पीएम हाउस (चीर घर) में पांच माह के शौर्य का शव पहुंचा। उसके शरीर में चोट का एक निशान तक नहीं था। लग रहा था, जैसे वह सोया हो।
ड्यूटी डॉक्टर एसएन माझी से मौदहापारा थाना पुलिस के प्रधान आरक्षक ने कहा- सर, पीएम करना है। इसके बाद तो मानो पूरे चीर घर में सन्नाटा पसर गया। सभी स्टाफ कामकाज छोड़कर शौर्य को देखने लगे। जिनके हाथ पीएम करने के लिए कभी कांपे नहीं, वे औजार उठाने से डर रहे थे। आधे घंटे तक यह तय ही नहीं किया जा सका कि पीएम करें भी या नहीं।
डॉ. माझी ने ‘एक निजी न्यूज़ चैनल को बताया कि बच्चे के सिर में इलैस्टिसिटी (लचीलापन) बड़ों की तुलना में अधिक होती है, इसलिए सिर फूटा, मगर पार्ट बाहर नहीं निकले, न ही खून। बोले- मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो वह कुछ बोलने ही वाला है। आज भी मौदहापारा चौकी स्टाफ, चील घर के डॉक्टर/स्टाफ शौर्य की चर्चा करते हैं।
आरोपी चित्रकांत को घटना के दूसरे दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रकरण में प्राप्त पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि यह हत्या है। आरोपी के विरुद्ध धारा-302 के तहत अपराध पंजीबद्ध है, विवेचना जारी है। – एनके कश्यप, प्रभारी, थाना देवरी बंगला, जिला बालोद
शौर्य की मां नमिता ने जो बयान पुलिस को दिया उसके मुताबिक वह पति चित्रकांत और बेटे शौर्य के साथ अपने मायके शादी में गई थी। 18 मई की रात मंडप के नीचे विवाह की रस्में पूरी की जा रही थीं। इसी दौरान शौर्य सो गया तो वह उसे कमरे में जाकर लेटा आई।
कुछ देर बाद देखा कि चित्रकांत मंडप के आसपास नहीं है, वह उसे ढूंढ़ते हुए कमरे में पहुंची। वहां शौर्य नहीं था। देखा कि चित्रकांत उसे गोद में लिए कहीं और बैठा था। वह जैसे ही उसके पास पहुंची, वह विवाद करने लगा। बोला बच्चे का भी ध्यान नहीं रख सकती, यह रो रहा था। इस दौरान पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ। पति ने पत्नी को मारा और बेटे को पटक दिया।
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