छत्तीसगढ़रायपुर

एम्स के डॉक्टरों के खिलाफ प्रकरण निरस्त किया गया

बुजुर्ग मां को बेटा देगा 2 हजार रू. भरण-पोषण ।

रायपुर.  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 262 वी. सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 127 वी. जनसुनवाई।

आज के एक प्रकरण में आवेदिका पीडित परिवार की रिश्तेदार भी नहीं थी, फिर भी शिकायत दर्ज कराई थी और आयोग की सुनवाई में जानबूझ कर अनुपस्थित थी। प्रकरण में दोनो डॉक्टर आयोग की सुनवाई में आ रहे थे और आवेदिका की लगातार अनुपस्थिति के कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा था। अनावेदक पक्षों के लिखित दस्तावेज के आधार पर आवेदिका के प्रकरण को आयोग ने नस्तीबध्द किया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने गंभीर आर्थिक लेन-देन की शिकायत अनावेदकगणों के खिलाफ किया हैं जिसमें अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका के उपर दबाव डालकर उसके सम्पत्ति हड़पने की साजिश किया जा रहा है। दोनो पक्षों ने लेन-देन के वैधानिक दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समय की मांग की। प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका एक बुजुर्ग महिला है उन्होंने बेटे बहू के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया है। आवेदिका चाहती है कि आवेदिका के बेटे-बहू पिछले डेढ साल से आवेदिका से अलग रहते है वह उस उसके घर में कोई दखलंदाजी ना करे और बहू मामले में फसाने की धमकी ना दें। अनावेदक पुत्र 12 हजार रू. प्रति माह कमाता है और अपनी मां को भरण-पोषण नहीं देता है आयोग ने निर्देश दिया कि अनावेदक बेटा अपनी मां को प्रतिमाह 2 हजार रू. नियमित रूप से देगा। मां और पत्नी के बीच संबंध सुधारने का प्रयास करेगा। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

आयोग के संज्ञान में एक ऐसा प्रकरण भी आया जिसमें एक भाई ने अपनी नाबालिग बहन के साथ हुए दुष्कृत्य के फलस्वरूप गर्भवती होने पर गर्भपात कराने न्याय की मांग करते हुए आवेदन दिया है। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मा. अध्यक्ष महोदया द्वारा तुरत कलेक्टर को पत्र लिखकर नाबालिग बालिका का गर्भपात कराए जाने हेतु चर्चा की उसके बाद स्थिति से अवगत कराया गया कलेक्टर महोदय के आदेश के बाद सी.एम.एच.ओ द्वारा इस प्रकरण में तत्काल कार्यवाही कर पीडित बालिका को चिकित्सालय में भर्ती करवा कर गर्भ समापन कर बालिका को जीने का अधिकार दिया। मा अध्यक्ष महोदया की पहल पर बालिका अभी स्वस्थ है और अपराधी जेल में है।

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