बालोद- जिले के ग्रामीण अंचलों में कृषि केंद्र व फर्टिलाईजर दूकानदार बिना बिल के लाखों रूपये का अवैध व्यापार कर रहे हैं, जिससे कई किसान ठगे भी जा रहे हैं, बिना पक्के बिल की वजह से हजारों रूपये के टैक्स की चोरी भी हो रही हैं, तो वही बिल नही होने की वजह से उधार लिए किसानों को दुकानदार लुट रहे हैं, लेकिन कुछ जागरूक किसान ऐसे भी हैं जो अपने हक़ की लड़ाई लड़ते हुए ऐसे दुकानदारों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और क़ानूनी पाठ भी पढ़ा रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला गुरुर विकासखंड के ग्राम बोहारडीह से सामने आया हैं जहां कलिहारी कृषि सेवा केंद्र से ग्राम बोडरा निवासी कृषक दुर्गानंद साहू ने 26 अप्रैल 2018 को अपने खेत में गन्ना की फसल हेतु 10 हजार 190 रूपये का गन्ने के फसल में उपयोग में आने वाली रासायनिक खाद क्रय किया था, जिसका किसी भी प्रकार का पक्का बिल दुकानदार द्वारा कृषक को नही दिया गया था, जबकि खाद जीएसटी के दायरे में आता हैं, जिसमे 5 प्रतिशत जीएसटी लगता हैं.
उक्त रासायनिक खाद का क्रय करते हुए कृषक दुर्गानंद साहू ने कलिहारी कृषि सेवा केंद्र के संचालक भीम कुमार कलिहारी से गन्ने की फसल आने के पश्चात उसकी बिक्री कर क्रय किए गए रासायनिक खाद की रकम भुगतान करने की बात की गई थी, जिस पर उक्त कृषि सेवा केंद्र के संचालक की सहमति से कृषक को खाद प्रदान की गई, गन्ने की फसल आने और उसके विक्रय के पश्चात कृषक जब उक्त कृषि केंद्र के संचालक को रकम का भुगतान करने गया तब उक्त संचालक ने कहा की सिर्फ 10 हजार 190 नही बल्कि बकाया दिनों का ब्याज भी देना पड़ेगा कहकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
कृषि केंद्र संचालक भीम कुमार कलिहारी को नोटिस
जिसके बाद उक्त संचालक ने कृषक से 10 हजार 190 के बजाय 12 हजार 500 रूपये वसूल किए, कृषक दुर्गानंद साहू ने अपनी छबि धूमिल और बिना बिल रासायनिक खाद दिए जाने तथा ब्याज वसूल किए जाने पर अधिवक्ता तारेंद्र जैन के माध्यम से उक्त कृषि केंद्र संचालक भीम कुमार कलिहारी को नोटिस भिजवाया हैं, और नोटिस में कहा गया हैं की कलिहारी कृषि केंद्र द्वारा उक्त कृत्य नैतिक एवं विधिक द्रष्टि से अनुचित होने के साथ ही धारा 4 छग ऋणियों का सरंक्षण अधिनियम एवं धारा 500 भा.द.स. के अधीन अभियोजित करने का पात्र बनाती हैं, साथ ही उक्त कृत्य उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अधीन कदाचरण युक्त व्यापार की श्रेणी में आता हैं, तथा कृषक दुर्गानंद साहू से अवैध रूप से अतिरिक्त वसूली गई राशि का भुगतान करने की बात उक्त नोटिस में कही गई हैं।
बीज बिना जीएसटी बाकि सब जीएसटी के दायरे में
प्राप्त जानकारी अनुसार फर्टिलाइजर दुकानों में सिर्फ बीज ही जीएसटी के दायरे में नही आता हैं, बाकि रासायनिक खाद सहित रासायनिक दवाईयों में 5 से 18 प्रतिशत तक जीएसटी लगता हैं, ग्रामीण अंचलों में दुकानदार बिना बिल के ही व्यापार कर रहे हैं, जिससे कृषक ठगे जा रहे हैं, दरअसल ग्रामीण अंचलों में कई किसान वर्ग कृषि केंद्र दुकानों से फसल के सीजन में बीज, रासायनिक खाद एवं रासायनिक दवाईयों व फसल से संबंधित सामानों का उधार लेनदेन भी करते हैं, और फसल काटने और उसके विक्रय करने के बाद उधार सामानों के पैसे बकायदा लौटाते हैं.
दूकानदार उधार में दिए सामानों के पैसों में अनाप शनाप ब्याज वसूलते आ रहे हैं, कई किसान इसके लिए आवाज़ नही उठा पाते और न ही उपभोक्ता फोरम में इसकी शिकायत करते हैं, लेकिन कृषक दुर्गानंद साहू ने अपने हक़ के लिए लड़ते हुए कृषि केंद्र संचालक के खिलाफ आवाज़ उठाई हैं।
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