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हाई प्रोफाइल सीटों पर भगवा के आगे फीके पड़ गए कांग्रेसी दिग्गज

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाली तीन सीटों में से दो पर भाजपा ने विजय हासिल की है। भाजपा के गढ़ राजनांदगांव में कांग्रेस का ”तुरुप का इक्का” भी काम नहीं आया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट की थी। कांग्रेस ने प्रदेश के सबसे बड़े चेहरे व कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंंत्री भूपेश बघेल पर दांव लगाया था, जिससे यह सीट काफी हाई प्रोफाइल हो गई थी। प्रदेश के साथ देशभर के लोगों की इस सीट पर नजरें थी। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके डा. रमन सिंह के गढ़ के रूप में इस संसदीय क्षेत्र को देखा जाता है।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद संतोष पांडेय से था। भाजपा के संतोष पांंडेय ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को हराया है। भाजपा 2009 के बाद से इस सीट पर नहीं हारी है। कांग्रेस ने परंपरा तोड़ने और भाजपा के गढ़ से जीत हासिल करने की कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री को मैदान में उतारा था।

राष्ट्रीय स्टार प्रचारक होने बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरा फोकस राजनांदगांव सीट पर ही लगाया था। राजनांदगांव में भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने भी जमकर प्रचार किया था। कांग्रेस का फोकस न्याय की पांच गांरटियों पर था, वहीं भाजपा ने मोदी के नाम पर वोट मांगे थे। जनता ने मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है।

प्रदेश की दूसरी हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाली महासमुंद लोकसभा सीट पर भगवा परचम लहरा रहा है। यहां पर भाजपा की रूपकुमारी चौधरी ने कांग्रेस शासनकाल में मंत्री रहे ताम्रध्वज साहू को पराजित किया है। वर्ष-2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने बाजी मारी थी, तब भाजपा प्रत्याशी चुन्नीलाल साहू का मुकाबला कांग्रेस के धनेंद्र साहू से था।

प्रदेश की तीसरी सबसे हाई प्रोफाइल कोरबा सीट थी। यहां पर भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय का मुकाबला नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी व सांसद ज्योत्सना महंत के बीच था। वर्ष 2018 में राज्यसभा और 2009 में दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद रही सरोज पांडेय को हार का सामना करना पड़ा है।

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