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पत्नी का गैर मर्द से संबंध पति के लिए मानसिक क्रूरता, हाईकोर्ट ने स्वीकारी पति के तलाक की अपील

रायपुर.  छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट ने पति के द्वारा लगाई गई तलाक की अर्जी को स्वीकार करते हुए विशेष टिप्पणी की है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में कहा है कि पत्नी का गैर मर्द के साथ संबंध पति के लिए मानसिक क्रूरता के जैसा है। कोर्ट ने कहा कि विवाह में मानवीय संभावनाएं शामिल होती हैं, यदि भावनाएं ही सूख जाए तो उसके जीवन में वापस आने की कोई भी संभावना नहीं होती हैं। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए पति के द्वारा लगाई गई तलाक की अर्जी को स्वीकार किया है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के निवासी अपीलकर्ता की शादी को 10 साल पूरे हो चुके हैं। इनकी शादी 1 मई 2023 को हिंदू रीति रिवाज से हुई थी। विवाह के बाद से उनके तीन संतान है। बताया जा रहा है कि पति वर्तमान में बाहर काम करने के लिए गया हुआ था। जब वह वापस लौटा तो पत्नी को गैर पुरुष के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में देखा। जिसके बाद पति के शोर मचाने पर परिवार के अन्य लोग भी आ गए और उसे व्यक्ति को पुलिस को दे दिया गया। इस मामले में कोर्ट में यह बताया गया कि पुलिस ने करवाई करने के बजाय पति को भविष्य में शांत रहने की समझाइश देकर भेज दिया गया।

कोर्ट में यह बताया गया कि साल 2017 में पत्नी अपने बच्चों को लेकर अपने मित्र के साथ रहने चली गई थी। पति जब उसे वापस लेने के लिए पहुंचा तो पत्नी ने साथ आने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पति ने परिवार न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन दिया था। परिवार न्यायालय में आवेदन खारिज होने के बाद पति ने हाईकोर्ट में जाकर इसकी अपील की। जहां हाई कोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की डीबी में सुनवाई हुई।

इस सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा की पत्नी ने व्यभिचारी कृत किया है जो क्रूरता के समान है। कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक बंधन में गंभीरता की आवश्यकता होती है। विवाह में मानवीय भावनाएं शामिल होती हैं और भावना यदि सूख जाए तो शायद ही जीवन में आने की कोई संभावना बचती है।

पत्नी ने कहा- वह प्रेमी के साथ रहना चाहती‌ है

बताया जा रहा है कि पुलिस में दिए गए बयान में पत्नी ने यह स्वीकार किया है कि जिस व्यक्ति के साथ वह रह रही है वह स्कूल का साथी है।‌ दोनों विवाह करना चाहते थे। लेकिन जाति अगल होने की बजह से दोनों विवाह नहीं कर सके। पत्नी ने उक्त व्यकि के साथ रहने की बात‌ स्वीकार कर ली है। साथ ही उसने कहा कि 2017 से दोनों साथ रह रहें हैं। जिसके बाद कोर्ट ने तलाक की अपील को स्वीकार कर लिया है।

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