
सरगुजा : अम्बिकापुर नगर निगम के लिए चुनावी संग्राम तेज हो चुका है. भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों ने अपने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस की ओर से वर्तमान मेयर अजय तिर्की को ही तीसरी बार प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, भाजपा की ओर से 3 बार की महिला पार्षद मंजूषा भगत चुनावी मैदान में है. पिछले चुनाव में मंजूषा भगत, अजय तिर्की से चुनाव हार चुकी हैं. ऐसे में कांग्रेस इस चुनावी मैच को वाक ओवर मान रही है.
बीजेपी कांग्रेस प्रत्याशियों ने भरा नामांकन : मंजूषा भगत और डॉ अजय तिर्की के बीच इसके पहले 2014 के चुनाव में आमना सामना हो चुका है, जिसमें भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब देखना होगा कि इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जीत की हैट्रिक लगाते हैं या फिर चुनाव में भाजपा को जीत मिलती है. नामों की घोषणा के बाद दोनों ही प्रत्याशियों ने मंगलवार को नाम निर्देशन प्रक्रिया के अंतिम दिन शक्ति प्रदर्शन कर नामांकन पत्र दाखिल किया है.
कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों को पहले से पता था, मेयर का नाम भी तय था. लेकिन भाजपा ने मंजूषा भगत जी को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले भी चुनाव हार चुकी हैं. तो हारी हुई टीम को हराना हमारे लिये आसान होगा. ये एक तरह का वाक ओवर जैसा है : जेपी श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस
भाजपा ने मंजूषा को उतारकर चौंकाया : नगरीय निकाय चुनाव में महापौर प्रत्याशी के नामों को लेकर कांग्रेस की ओर से निवर्तमान मेयर डॉ. अजय तिर्की का नाम तय माना जा रहा था. जबकि भाजपा में तीन नामों का पैनल बनाकर भेजा गया था. उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार भाजपा नए चेहरे पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन भाजपा ने सूची जारी कर सभी को चौंका दिया है. भाजपा ने एक बार फिर से मंजूषा भगत पर दांव लगाया है.
कांग्रेस के कार्यकाल में विकास के काम नहीं हुए हैं. भाजपा ने युवा चेहरों को मौका दिया है. संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भाजपा चुनाव लड़ेगी और हम जीत हासिल करेंगे : आलोक दुबे, भाजपा नेता
कौन है मंजूषा भगत : अंबिकापुर के संत मदर टेरेसा वार्ड से तीन बार की पार्षद मंजूषा भगत 2014 से 2019 तक भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रही. जबकि वर्तमान में पार्षद के साथ ही जिला उपाध्यक्ष, प्रदेश महिला मोर्चा कार्यकारिणी सदस्य है.
मंजूषा और अजय के बीच सीधा मुकाबला : आगामी नगरीय निकाय चुनाव में मंजूषा भगत और डॉ. अजय तिर्की के बीच सीधा मुकाबला होगा. हालांकि, कांग्रेस के साथ इस बार एंटी इंकम्बेंसी का असर पड़ेगा, जबकि भाजपा को इस बार सहानुभूति वोट मिलने की भी सम्भावना है. ऐसे में इस बार का निकाय चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.
पहले भी आ चुके हैं आमने सामने : नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए डॉ. अजय तिर्की और मंजूषा भगत के बीच दूसरी बार मुकाबला होगा. इसके पहले दोनों ही प्रत्याशी वर्ष 2014 के निगम चुनाव में आमने सामने थे. उस दौरान लगातार दस वर्षों तक निगम में भाजपा का कब्ज़ा था, जबकि कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में डॉ. अजय तिर्की को उतारा था. चुनाव डॉ. अजय तिर्की ने मंजूषा भगत को 12 हजार 399 मतों के विशाल अंतर से पराजित कर कांग्रेस की सरकार बनाई थी और भाजपा के किले को फतह किया था. लेकिन इस बार यह मुकाबला कड़ा होने वाला है.
