प्रदेश में धर्मांतरण, नक्सलवाद के साथ रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर भी मंथन किया
रायपुर. राष्ट्रीय स्वंय संघ की सितंबर में हुई समन्वय समिति की इन हाउस बैठक की तरह ही राज्य स्तर की दाे दिनाें की इन हाउस बैठक की गई। इस बैठक से मीडिया काे पूरी तरह से दूर रखा गया। बैठक के बारे में किसी काे कोई जानकारी नहीं दी गई। इस बैठक में प्रदेश में धर्मांतरण, नक्सलवाद के साथ रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर भी मंथन किया गया। प्रदेश में भारी संख्या में रोहिंग्याओं की घुसपैठ को लेकर चिंतन किया गया।
जागृति मंडल में दो दिनों तक ठीक उसी तरह से बैठक इन हाउस बैठक हुई, जैसी सितंबर में जैनम भवन में देश भर के आरएसएस से 37 संगठनों की हुई थी। प्रदेश स्तर की बैठक में भी जो शामिल होने पहुंचे उनको रविवार की रात को बैठक समाप्त होने के बाद ही बाहर आने दिया गया। इस बीच उनको किसी से भी मिलने नहीं दिया गया। बैठक से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया।
प्रदेश की समस्याओं पर चर्चा
बैठक में शामिल 37 संगठन के पदाधिकारियों ने जहां अपने साल भर की गतिविधियों का लेखा-जोखा दिया, वहीं आने वाले साल में क्या-क्या काम किए जाने हैं, उनकी जानकारी भी दी। इस बीच बैठक में प्रदेश में लगातार बढ़ रही नक्सली घटनाओं को लेकर भी मंथन किया गया। इसी के साथ प्रदेश में इस साल धर्मांतरण को लेकर जिस तरह की स्थिति बनी है उस पर लंबी चर्चा की गई। प्रदेश में कहां-कहां पर धर्मांतरण हो रहा है, किस तरह से कवर्धा में इस मामले में बड़ा बवाल हुआ था। इन सबको लेकर चर्चा की गई। बैठक में यह जानकारी सामने रखी गई कि प्रदेश में भी लगातार रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ लगातार हो रही है। यह एक बड़ी समस्या है। इस समस्या के साथ जो भी समस्याएं सामने रखीं गईं, उनका निराकरण कैसे हो सकता है, इस पर भी चर्चा की गई और रणनीति बनाई गई।
चुनाव पर कोई चर्चा नहीं
बैठक में प्रदेश भाजपा की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, संगठन महामंत्री पवन साय और महामंत्री केदार कश्यप शामिल हुए। भाजपा के बैठक में शामिल होने पर इस बात की संभावना थी कि मिशन 2023 को लेकर चर्चा होगी कि विधानसभा चुनाव में भाजपा क्या करेगी, लेकिन संघ के प्रावधान के मुताबिक बैठक में किसी भी तरह की कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की गई। जानकारों का कहना है चुनाव को लेकर जो भी चर्चा होगी, वो अलग से होगी।