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प्रशासन ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा व मल्टीप्लेक्स प्रतिनिधियों दोनों की बातें सुनीं, 3 तक समाधान न निकला तो आंदोलन

रायपुर। छत्तीसगढ़ी सिनेमा से जुड़े लोगों व्दारा 5 जून को राजधानी रायपुर के सारे मल्टीप्लेक्स में जाकर आंदोलन करने की घोषणा को शासन एवं प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इसी सिलसिले में आज आबकारी विभाग के सभागृह में आबकारी व संस्कृति विभाग ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की। सिनेमा से जुड़े लोगों ने कहा कि 3 जून तक का अल्टीमेटम है। इस बीच समाधान निकल आता है तो ठीक वरना आंदोलन के निर्णय पर हम अडिग हैं।

बैठक में छत्तीसगढ़ फिल्म एवं टेलीविजन एसोसियेशन के अध्यक्ष संतोष जैन ने कहा कि एग्रीमेंट के बाद भी राजनांदगांव के सिनेमाघर से हमारी छत्तीसगढ़ी फिल्म उतार दी गई थी। हम वहां जाकर आंदोलन किए तो फिर से छत्तीसगढ़ी फिल्म लगी। इस तरह हमारी पहली जीत तो उसी वक्त हो गई। अब हमारी लड़ाई मल्टीप्लेक्स वालों के खिलाफ है। हमारे प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों तक के लिए छत्तीसगढ़ी सीखने का प्रावधान रख दिया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ी फिल्मों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म और मल्टीप्लेक्स दोनों को एक दूसरे की जरूरत है। कोई समाधान निकल आए तो ठीक, नहीं तो हम आंदोलन के लिए तैयार हैं।

एसोसियेशन के महासचिव मनोज वर्मा ने कहा कि अब तक 300 के आसपास छत्तीसगढ़ी फिल्में बन चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में करीब 40 सेंटर हैं। लगातार हिन्दी फिल्मों की रिलीज के कारण छत्तीसगढ़ी फिल्मों को लॉग रन नहीं मिल पाता। छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स वाले यह कहते हुए लगाने से इंकार करते हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को जोे लोग देखने आते हैं पॉपकर्न नहीं खरीदते। यह हमारे स्तर का नहीं है। यहां के मल्टीप्लेक्स वाले हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, पंजाबी, मराठी व साउथ की फिल्में लगा लेंगे लेकिन छत्तीसगढ़ी फिल्मों से इन्हें परहेज है।

एसोसियेशन के कोषाध्यक्ष रॉकी दासवानी ने कहा कि मल्टीप्लेक्स में कौन सी हिन्दी फिल्म लगनी है यह मुम्बई में तय हो जाता है, पर छत्तीसगढ़ी फिल्मों पर बातचीत करने न रायपुर में बैठे लोग तैयार हैं और न ही मुम्बई वाले। इस दौरान सतीश जैन, अनुज शर्मा, राजेश अवस्थी, लखी सुंदरानी ने भी अपनी बात प्रमुखता से रखी।

इस दौरान पीवीआर, ऑइनाक्स, कॉर्निवल एवं सिनेमैक्स मल्टीप्लेक्स के प्रतिनिधियों का भी पक्ष सामने आया। आबकारी आयुक्त निरंजन दास ने मल्टीप्लेक्स के प्रतिनिधियों को सिनेमा एक्ट के कुछ बिन्दुओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा से जुड़े लोग प्रदर्शन की चेतावनी दे चुके हैं, आप लोगों को किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए। बैठक में एडिशनल कमिश्नर आबकारी पी.एल. वर्मा, संस्कृति विभाग के संचालक अनिल साहू, आबकारी उपायुक्त आर.एस. ठाकुर, आबकारी उपायुक्त आशीष श्रीवास्तव, आबकारी उपायुक्त एल.एल. ध्रुव, संस्कृति विभाग के उप संचालक व्दय राहुल सिंह एवं एस.एस.सी. केरकेट्टा तथा एसडीएम रायपुर अनुप्रिया मिश्रा मौजूद थे। छत्तीसगढ़ी सिनेमा से प्रमुख रूप से प्रेम चंद्राकर, मोहन सुंदरानी, सुनील तिवारी, करण खान, प्रकाश अवस्थी, अनुमोद राजवैद्य, पुष्पेंद्र सिंह, योग मिश्रा, क्षमानिधि मिश्रा, अलक राय, मोना सेन, अशोक तिवारी, अनुपम वर्मा, लाभांश तिवारी, दिनेश अग्रवाल, तरुण सोनी एवं रत्ना पांडे उपस्थित थे।

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mitan bhoomi

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